श्रीकृष्ण जन्माष्टमी : कैसे करें सरल पूजन
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र, वृषभ राशि, भाद्रपद कृष्ण अष्टमी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र एवं वृष के चन्द्रमाकालीन अर्धरात्रि के समय हुआ था। ऋषियों के मतानुसार सप्तमी युक्त अष्टमी ही व्रत, पूजन आदि हेतु ग्रहण करनी चाहिए। वैष्णव संप्रदाय के अधिकांश लोग उदयकालिक नवमी युत श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को ग्रहण करते हैं। भगवान श्रीकृष्ण का जन्मदिन बडे़ ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन व्रत करनेवाले को चाहिए कि उपवास के पहले दिन कम भोजन करें। रात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें। व्रत के दिन स्नानादि नित्यकर्म करके सूर्यादि सभी देव दिशाओं को नमस्कार करके पूर्व या उत्तर मुख बैठें। भगवान श्रीकृष्ण को वैजयंती के पुष्प अधिक प्रिय है, अतः जहां तक बन पडे़ वैजयंती के पुष्प अर्पित करें और पंचगंध लेकर व्रत का संकल्प करें।