पूर्णिमा और अमावस्या पर क्यों होते हैं हादसे?
ज्यादातर दुर्घटनाएं अमावस्या और पूर्णिमा पर ही क्यों होती है? आइए जानते हैं यह रहस्य- पूर्णिमा और अमावस्या यूं तो खगोलीय घटनाएं हैं, लेकिन ज्योतिषियों की नजर में पूर्णिमा के दिन मोहक दिखने वाला और अमावस्या पर रात में छुप जाने वाला चांद अनिष्टकारी होता है। ज्योतिषी मानते हैं कि हादसों और प्राकृतिक प्रकोप का भी अक्सर यही समय होता है। चांद के कारण समुद्र में उठने वाली लहरें इसी बात को पुष्ट करती हैं। हादसों के आंकड़े भी इस बात को काफी हद तक प्रमाणित करते हैं।
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इस संबंध में ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि चंद्र ग्रह मनुष्य को मानसिक तनाव देने के साथ ही कई बार आपराधिक कृत्य के लिए प्रेरित भी करता है। इसके प्रकोप से जहां प्राकृतिक आपदाएं जैसी स्थितियां निर्मित होती हैं, वहीं आपराधिक घटनाएं भी बढ़ती हैं। - पं. प्रहलाद कुमार पण्ड्या