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Written By WD

जानिए बुध के शुभ-अशुभ होने पर क्या करें उपाय

Budh | जानिए बुध के शुभ-अशुभ होने पर क्या करें उपाय

* लाल किताब के अनुसार बुध ग्रह का प्रभाव और उपाय

 

 
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पुराणों के अनुसार बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। उनकी माता का नाम रोहिणी हैं। उन्हें विद्वान और अथर्ववेद के ज्ञाता माना जाता है। उनका विवाह वैवस्वत मनु की पुत्री इला से हुआ। देवों की सभा में बुध को राजकुमार कहा गया है।

बुध शुभ होने पर : बहन, मौसी और बुआ की स्थिति ठीक रहती है। सुंदर देह वाला ऐसा व्यक्ति ज्ञानी और चतुर होता है। सोच समझ कर बोलता है। उसकी बातों का असर होता है। ईमानदारी छोड़ दे तो शुभ प्रभाव छोड़ देता है। सूंघने की शक्ति गजब की होती है। व्यापार और नौकरी में किसी भी प्रकार की अड़चन नहीं आती है।

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बुध अशुभ होने पर : सूंघने की शक्ति क्षिण हो जाती है। समय पूर्व ही दांतों का खराब होना। मित्र से संबंधों का बिगड़ना। तुतलाहट। अशुभ हो तो बहन, बुआ और मौसी पर विपत्ति बनी रहती है। केतु और मंगल के साथ मंदा फल। शत्रु ग्रहों से ग्रसित बुध का फल मंदा ही रहता है। विशेषत: यह नौकरी या व्यापार में नुकसान दे सकता है। संभोग की शक्ति क्षिण कर देता है।

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उपाय : दुर्गा की भक्ति (ॐ दुर्ग दुर्गाय नम: का जप करें)। नाक छिदवाना। बेटी, बहन, बुआ और साली से अच्छे संबंध रखें। बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाना। साबूत हरे मूंग का दान करना। झूठ न बोलना।

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मकान : बुध के मकान के चारों ओर खाली जगह होती है। हो सकता है कि यह मकान सभी मकानों से अलग अकेला ही हो। मकान के साथ चौड़े पत्तों के वृक्ष होंगे। गुरु और चंद्र के वृक्ष के साथ न होगा और अगर हुआ तो वह घर बुध की दुश्मनी का पुख्ता प्रमाण माना जाएगा।

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देवता: दुर्गा
दिवस : बुधवार
वाहन : सिंह
भाव : बारहवें स्थान के स्वामी
गोत्र व जाति : अत्रि गोत्र, चंद्रवंशी
पेशा : दलाल या व्यापारी
विशेषता : चापलुसी
शक्ति : बोलना, लोगों में दबदबा रखना
गुण : दिमागी कसरत, बोलना, मित्रता
धातु : हिरा और पन्ना
वर्ण : बुध का रंग श्याम है और इनकी 18 किरणें हैं।
शरीर के अंग : दिमाग का ढांचा, जीभ, दांत, नाड़ियां, नाक का सिरा
वत्र : टोपी, नाड़ा, तगारी, पेटी
पशु : बकरा, बकरी, भेड़, चमगादड़
वृक्ष : केला, चौड़े पत्ते के पौधे या वृक्ष
नक्षत्र : अश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती
भ्रमण : बुध 25 दिन तक एक राशि में निवास करते हैं। ग्रहों में इन्हें राजकुमार कहा गया है। इनमें पृत्वी तथा वायु दोनों तत्व मौजूद है।
दिशा : पूर्व दिशा
बल : शुक्र और बुध दोनों ही एक ही भाव में हो तो बुध बलशाली
अन्य नाम : चंद्र पुत्र, बोधन, सौम्य, शांत, शशिसुत, हेम्प और उतारुद।
स्वभाव : अति चतुर और हास्य प्रधान। स्त्रेण और नपुंसक दोनों तत्व मौजूद। शुभ होतो जवानी का भरपूर जोश।
राशि : कन्या और मिथुन राशि के स्वामी बुध के सूर्य, शुक्र और राहु मित्र, चंद्र शत्रु और मंगल, गुरु, शनि और केतु सम।

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वैज्ञानिकों के अनुसार : सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है बुध। वैज्ञानिकों का मत हैं कि आकाश मंडल में असंख्य तारों व ग्रहों की तरह ही बुध भी एक ग्रह है जो सूर्य के अति निकट है और इसकी स्थिति ईशान कोण में बताई जाती है।

बुध का व्यास 5140 किलोमीटर है और गुरुत्वाकर्षण शक्ति पृथ्वी की अपेक्षा एक चौथाई भाग है।

सौर मंडल का सबसे छोटा और प्रकाशमान ग्रह सूर्य से 59200000 किलोमीटर है। 48 किलोमीटर प्रति सेंकेड की रफ्तार से यह 28 दिनों में सूर्य की परिक्रमा कर लेता है। इसे अपनी धूरी पर एक चक्कर लगाने में 60 दिन लगते हैं

- AJ