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Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'
Last Modified: सोमवार, 13 अक्टूबर 2014 (17:14 IST)

गुरु-पुष्य नक्षत्र : शुभ खरीदी का महामुहूर्त

गुरु-पुष्य नक्षत्र : शुभ खरीदी का महामुहूर्त -
* जानिए  बहीखाता लाने का मुहूर्त 
* दीपावली पूर्व पुष्य नक्षत्र- दो दिन होगी शुभ फल देनेवाली खरीदी 
 
व्यापारीगण वर्षभर का लेखा-जोखा रखने के लिए रवि-पुष्य या गुरु-पुष्य नक्षत्र में बहीखाता लाते हैं। दीपावली से पूर्व इस बार गुरुवार, 16 अक्टूबर को 10.47 से पुष्य नक्षत्र लगेगा, जो शुक्रवार, 17 अक्टूबर को 1.36 मिनट तक रहेगा। 
 

 
पुष्य नक्षत्र विशेष सिद्धि देने वाला नक्षत्र माना गया है। अत: सभी कार्यों के लिए शुभ-लाभ एवं सिद्धि प्रदान करता है। गुरु स्वर्ण के स्वामी है, इस नाते गुरु-पुष्य में सोना खरीदना भी मंगलकारी होता है। 
 
खरीदी के लिए शुभ योग जानिए 

गुरुवार, 16 अक्टूबर 
 
*  प्रात: 10.46 से 11.55 तक चर रहेगा। 
*  11.55 से 1.25 तक लाभ रहेगा। 
*  1.25 से 2.55 तक अमृत का चौघड़िया रहेगा। 
*  शाम 4.20 से 5.50 तक शुभ रहेगा। 
*  5.50 से 7.15 तक अमृत। 
*  रात्रि 7.15 से 8.55 तक चर रहेगा।
 
17 अक्टूबर, शुक्रवार 
 
* अलसुबह 2.55 से 4.25 तक शुभ, 4.55 से सूर्योदय तक अमृत रहेगा। 
* सूर्योदय से 7.20 तक चर फिर लाभ 7.20 से 8.55 तक रहेगा। 
* अमृत 8.55 से 10.55 तक रहेगा। 
* इस दिन शुभ 11.55 से 1.25 तक रहेगा। 
 
उपरोक्त समय पुष्य नक्षत्र के प्रारंभ से अंत तक दिया गया है, सो व्यापारिक बंधु अपनी-अपनी सुविधानुसार बहीखाता ला सकते हैं। 
इसके साथ ही गुरु-पुष्य नक्षत्र में सोना-चांदी, पीतल, तांबा आदि धातु की खरीदी सर्वश्रेष्ठ रहती है। 
 
बही-खाता, कलम-दवात, रत्न विशेषकर पुखराज तथा इलेक्ट्रॉनिसक्स उत्पाद खरीदना शुभ लाभदायी रहता है। यह मुहूर्त नवीन उद्योग, दुकान तथा गृह प्रवेश के लिए भी मंगलकारी होता है।