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Written By WD

ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाएंगे यह उपाय

ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाएंगे यह उपाय - jyotish upaay
ज्योतिष के अनुसार अगर आपकी कुंडली के ग्रह नीच की स्थि‍ति में, मंदे या फिर अपने शत्रु ग्रहों के बैठे हों इसका उपाय करना बेहद आवश्यक होता है। कुछ उपाय ऐसे भी हैं, जो इन स्थि‍तियों में आप बगैर किसी ज्योतिषीय परामर्श के भी आजमा सकते हैं। इन उपायों को करने से ग्रहों का बुरा असर कम होता है, और आपको नुकसान नहीं उठाना पड़ता। जानिए ग्रहों के अच्छे और बुरे प्रभाव एवं उनके उपाय - 
 
1 सूर्य - सूर्य जब आपकी कुंडली में सकारात्मक या उच्च स्थि‍ति में होता है, तो समाज में मान-सम्मान दिलाता है और नौकरी व कामकाज में स्थायित्व प्रदान करता है। सूर्य का मजबूत होना पिता का पक्ष मजबूत करता है और सरकारी कार्यों में भी किसी प्रकार की कोई बाधा या परेशानी नहीं आती। 
 
उपाय - अगर आपको इन सभी मामलों में नकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं, तो यह सूर्य के नीच स्थि‍ति में बैठने के कारण हो सकता है। इसके उपाय के तौर पर पिता की सेवा और उन्हें सम्मान देना चाहिए। पैर छूकर पिता का आशीर्वाद लें।  इसके अलावा सूर्य को जल चढ़ाना और विष्णु भगवान की पूजा करना श्रेष्ठ होता है। बहते पानी में गेहूं और बाजरा प्रभावित करने और मुंह मीठा कर घर से निकलने से भी सूर्य का प्रभाव सकारात्मक होता है। 

2 चंद्रमा - कुंडली में चंद्रमा का शुभ प्रभाव होने से जातक की माता का जीवन सुखमय होता है और उसे किसी प्रकार की परेशानी नहीं आती। चंद्रमा का उच्च स्थि‍ति में होना, जातक को माता पक्ष जैसे- नानी, मौसी से भरपूर प्रेम दिलाता है और जातक इनके द्वारा संपत्ति‍ अर्जित करने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में मानसिक शांति होती है और और घर में प्रेम बना रहता है। इस स्थि‍ति में घर में संपन्नता और सम्मान भी भरपूर होता है।
 
इसके विपरीत परिणाम मिलने का कारण कुंडली में चंद्रमा की कमजोर स्थि‍ति हो सकती है। अगर आपकी कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, तो मां, दादी की सेवा और सम्मान करें। बुजुर्ग और विधवा औरतों की मदद करना चाहिए। इनके प्रति अपना व्यवहार विनम्रतापूर्वक बनाए रखें और सात्विक जीवन जीने को प्रमुखता दें। घर में गंगाजल जरूर रखें। समय-समय पर मंदिर में दूध और चावल का दान करते रहें और चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें।

3  मंगल - मंगल का शुभ प्रभाव होने पर जातक को दोस्तों और भाइयों से भरपूर स्नेह और आदर मिलता है और वे हर मुसीबत में साथ देते हैं। मंगल के शुभ होने पर जातक की कार्यक्षमता बढ़ती है और कम उम्र में ही उन्नति शुरू हो जाती है। ऐसे व्यक्ति के घर में मांगलिक कार्य होते रहते हैं और विवाह भी सही समय पर हो जाता है।
 

परंतु मंगल का प्रभाव अगर अशुभ है, तो आपको हनुमान जी की उपासना करना चाहिए और मंगलवार के दिन मीठा प्रसाद बांटना चाहिए। भाइयों और मित्रों से प्रेमभाव रखना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए। ऐसे में घर में सौंफ, शहद, छुआरे नहीं रखना चाहिए और गुड़ की मीठी रोटी या तंदुरी रोटी कुत्ते को खि‍लाना लाभकारी होता है। ऐसे जातक को दक्षि‍णमुखी मकान में नहीं रहना चाहिए।

4 बुध - बुध ग्रह जब शुभ फल प्रदान करता है तो जातक कम मेहनत करके भी अधि‍क कमाई करता है। जातक की बहन, बुआ और बेटी का जीवन सुखमय रहता है और आपसी प्रेम बना रहता है। इस प्रकार का जातक बुद्ध‍िमान होता है और बुद्धि‍ के बल पर व्यापार में उन्नति करता है। पढ़ाई-लिखाई के मामले में भी जातक अच्छा होता है।

परंतु बुध ग्रह के अशुभ प्रभाव होने पर बहन, बुआ और बेटी का सम्मान करना सही होता है और इन्हें घर से कुछ न कुछ देकर ही विदा करें। इसके अलावा घर में गाने बजाने का सामान न रखें, जैसे ढोलक आदि। भगवान की मूर्ति रखने के बजाए उनकी तस्वीर की पूजा करें और पक्ष‍ियों को न पालें। इसके अलावा मांस और अंडे से दूरी बनाए रखें। छोटी कन्याओं का पूजन करना बुध को मजबूत करता है।

5  बृहस्पति - बृहस्पति जब कुंडली में उच्च अवस्था में बैठा हो, तो वह ऐश्वर्य, सुख, संपन्नता देता है। ऐसे जातक को अपने दादाजी से खूब स्नेह मिलता है। परिवार में बड़ों का सम्मान होता है और घर का माहौल आध्यात्मिक होने के साथ ही रीति-रिवाजों को निभाने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में पढ़ाई को लेकर कोई बाधा नहीं आती।
 
लेकिन कुंडली में बृहस्पति‍ का अशुभ होना शि‍क्षा में रूकावट पैदा करता है और बुजुर्गों के सुख से वंचित करता है। ऐसा होने पर बुजुर्गों का सम्मान करें और साधु संन्यासियों को भी सम्मान दें। पीपल के पेड़ की सेवा करना और मंदिर में चने की दाल रखने से गुरू मजबूत होता है। अपने गले में सोने की चेन पहनें और दान पुण्य करें।

6  शुक्र - शुक्र जब उच्च स्थि‍ति में होता है, तो जातक सुंदर होता है और जोश से भरा होता है। जातक को शयन सुख में लाभ मिलता है और वह उमंग से भरा हुआ होता है। शुक्र की स्थि‍ति शुभ होने पर जात घूमने-फिरने का शौकीन होता है और सुंदर, साफ-सुथरे घर का स्वामी होता है। ऐसी स्थि‍ति में वैवाहिक जीवन मधुर होता है।

लेकिन ऐसा नहीं होने पर मान लें कि आपका शुक्र कमजोर है। शुक्र कमजोर होने पर सुबह सही समय पर उठना और साफ सुथरा रहना आवश्यक है। पत्नी का सम्मान करें और उसे सौंदर्य प्रसाधन उपहार दें। ऐसे जातक को मां लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए और गाय की सेवा करना चाहिए। इसके अलावा काले और नीले रंग के वस्त्रों का त्याग कर स्वयं को चरित्रवान बनाए रखना चाहिए।

7 शनि - शनि का मजबूत होना नाक्रशाही का प्रतीक है। ऐसा होने पर आप स्वस्थ्य होते हैं और लोग आपके लिए काम करते हैं। जीवनसाथी का सहयोग मिलता है और परिवार पर किसी प्रकार की मुसीबत नहीं आती।  ऐसा व्यक्ति एक से अधि‍क मकानों का स्वामी होता है और कम मेहनत में अधि‍क लाभ कमाने वाला होता है।
 

शनि कमजोर होने की स्थि‍ति में जातक को अपने चाचा की सेवा कर उन्हें सम्मान देना चाहिए। चमड़े की वस्तुओं, तवा, चिमटे आदि का दान करना चाहिए। किस से बुरा बर्तान नहीं करता चाहिए और ईमानदारी के साथ जीवन व्यतीत करना चाहिए। किसी पात्र में तेल लेकर उसमें अपनी परछाई देखें और उसे दान करें। कोयला दान करना भी अच्छा होगा।

8  राहु - कुंडली में राहु की अच्छी स्थि‍ति होने पर जातक हाजिर जवाब और अच्छा सलाहकार होता है। उसे भरपूर मान-सम्मान और पद प्राप्त होता है और वह हर मुसीबत से आसानी से निकल भी जाता है। ऐसे व्यक्ति के जीवन में कोई बड़ी अड़चन नहीं आती और वह हर प्रकार के सुख भोगने वाला होता है।
 
अगर आपको राहु का अच्छा प्रभाव न मिले तो किसी भी प्रकार का कबाड़ घर में न रखें। छत को साफ रखें और सीढि‍यों पर भी सफाई रखें। अपने ससुराल वालों का सम्मान करें। अपने वजन के बराबर कच्चा कोयला बहते हुए जल में प्रवाहित करने से राहु पुष्ट होता है। इसके अलावा आपको जंग गले लोहे, तेजाब व नीली चीजों से सावधान रहना चाहिए। 

9 केतु - केतु का शुभ होना आपकी यश और कीर्ति को फैलाता है। ऐसे व्यक्ति को बेटे व बहनोई से सुख मिलता है और पत्नी भी अच्छी मिलती है। केतु मजबूत होने पर जातक अपने जीवन में ऊंचाइयों को छूता है।राजनीति में होने पर जातक खूब तरक्की करता है। ऐसे व्यक्ति को संतान से भी सुख मिलता है और संतान भी उन्नति करती है।
 
कुंडली में केतु अगर अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो मंदिर में काला-सफेद कंबल दान करें। गले में मे सोना पहनें और कुत्ता पालें या फिर उसकी सेवा करें। केसर का टीका लगाएं।