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2016 का अंतिम चंद्रग्रहण 16-17 सितंबर को...

2016 का अंतिम चंद्रग्रहण 16-17 सितंबर को... - chandra grahan
* खगास चंद्रग्रहण : जानिए क्या करें, क्या न करें... 
 

 
दिव्य पर्वों में ग्रहण का विशेष स्थान है। इस बार सितंबर माह की 16-17 तारीख को चंद्रग्रहण है। भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण आंशिक रूप से दक्ष‍िण अमेरिका, अटलांटिक, यूरोप और अंटार्कटिका में दिखाई देगा अत: चंद्रग्रहण के समय नियम एवं संयम के साथ स्नान जप, तप और हवन, यज्ञ द्वारा बाधाओं की निवृत्ति एवं सुखों की प्राप्ति के लिए अनुष्ठान करना चाहिए।
 
16-17 सितंबर की रात को खगास चंद्रग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार ग्रहण 16 सितंबर की रात्रि लगभग 10.27 बजे से प्रारंभ होगा, जो कि बीच रात 2.24 बजे तक रहेगा। 
 
ग्रहण का सूतक लगने के बाद से और सूतक समाप्त होने तक भोजन नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय मंत्र दीक्षा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है, क्योंकि इस समय मनकारक चन्द्र, आत्मकारक सूर्य, पंचतत्वीय शरीर कारक पृथ्वी- तीनों एक ही तल पर एक ही लय में होते हैं।

माना जाता है कि ग्रहण के समय भोजन आदि करने से अनेक रोग होते हैं इसीलिए आहार आदि अनेक कार्य इस दौरान वर्जित माने गए हैं। ग्रहण के समय घड़े में भरा जल या बना हुआ भोजन रखा हो, तो वह भी फिर उपयोग करने योग्य नहीं होता।
 
ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने तथा मन-बुद्धि पर पड़े प्रभाव से लाभ उठाने के लिए जप, ध्यानादि करने का विधान है। ग्रहण के समय किए गए जप, यज्ञ, दान आदि का सामान्य की अपेक्षा बहुत अधिक महत्व वर्णित है। ग्रहण के समय स्त्री-प्रसंग से नर-नारी दोनों की नेत्र ज्योति क्षीण हो जाती है। अनेक बार अंधे होने का भी भय हो जाता है इसीलिए इस दौरान ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए।  
 
इस प्रकार ग्रहण का प्रभाव तर्क एवं परीक्षण से भी सिद्ध है। ग्रहण काल में मनमाने आचरण से मानसिक अव्यवस्था और बुद्धि विकार तो होता ही है, साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य की भी बड़ी हानि होती है अत: इस संबंध में सबको सावधान रहना चाहिए, साथ ही कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
 
चंद्रग्रहण वो खगोलीय स्थिति है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक सरल रेखा में होते हैं। चन्द्र ग्रहण का प्रकार और अवधि चन्द्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। बिना किसी स्पेशल चश्मे के चन्द्र ग्रहण को आप खुली आंखों से देख सकते हैं, क्योंकि इससे आंखों को नुकसान नहीं होता। 
 
यह चंद्रग्रहण अगर कुंआरे युवक-युवतियां देखते हैं तो उनकी शादी या तो रुक जाती है या बहुत मुश्किलों से तय होती है, क्योंकि चन्द्रमा जब उग्र हो जाता है तो उसका बुरा असर कुंआरे युवक-युवतियों पर पड़ता है।