गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. आलेख
  4. amla pooja

आंवला नवमी : क्यों पूजा जाता है आंवले का पेड़

आंवला नवमी : क्यों पूजा जाता है आंवले का पेड़ - amla pooja
आंवला नवमी, दीपावली के बाद यानी कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को 'आंवला नवमी' कहते हैं। 


20 नवंबर, शुक्रवार को आंवला नवमी का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। इस रोज रात्रि भोजन आंवला वृक्ष के समीप ही करना चाहिए इससे अखंड सौभाग्य, आरोग्य व सुख की प्राप्ति होती है।
 
आंवला के औषधीय गुण : आंवला प्राचीनकाल से ही स्वास्थ्य की दृष्टि से उपयोगी माना गया है। प्रति 100 ग्राम आंवले में 800 मिली ग्राम विटामिन सी होता है, जो हमारी नेत्र ज्योति के लिए फायदेमंद होता है। 2 पके आंवले से एक अंडे के बराबर शक्ति मिलती है। यह हड्डी को मजबूत करता है व असमय बालों का पकना भी रोकता है। दांतों को मजबूत करने के साथ-साथ सफेदी बरकरार रखता है। कामशक्ति को भी बढ़ाता है व अग्निमांद्यता को भी दूर करता है। 
 
आंवले का सेवन किसी भी रूप में किया जाए, लाभदायक ही होता है। च्यवन ऋषि ने च्यवनप्राश का निर्माण कर देवताओं को चिर यौवन प्राप्त कराया था।
 
आवंला वृक्ष पूजन विधान
 
प्रातः स्नानादि कर आंवले के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में बैठकर पूजन करना चाहिए। पूजन के बाद आंवले के वृक्ष की जड़ में दूध का अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद पेड़ के चारों ओर कच्चा धागा बांधना चाहिए। कपूर बाती या शुद्ध घी की बाती से आरती करते हुए 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद पेड़ के नीचे ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना चाहिए।