बुधवार, 24 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. योग
  4. »
  5. योगासन
  6. Supta Vajrasana Vedio
Written By WD

सुप्त-वज्रासन

Supta Vajrasana Yoga | Supta Vajrasana Vedio | Supta Vajrasana Pose | सुप्त-वज्रासन
सुप्त का अर्थ होता है सोया हुआ अर्थात वज्रासन की स्थिति में सोया हुआ। इस आसन में पीठ के बल लेटना पड़ता है, इसिलिए इस आसन को सुप्त-वज्रासन कहते है, जबकि वज्रासन बैठकर किया जाता है।

विधि : दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाते है, दोनों पैर मिले हुए, हाथ बगल में, कमर सीधी और दृष्टि सामने। अब वज्रासन की स्थिति में बैठ जाते है। वज्रासन में बैठने के बाद दोनों पैरों में पीछे इतना अंतर रखते है कि नितंब जमीन से लग जाए तब धीरे-धीरे दोनों कुहनियों का सहारा लेकर जमीन पर लेट जाते है।

दाएँ हाथ को पीछे ले जाते है और बाएँ कंधे के नीचे रखते है और बाएँ हाथ को पीछे ले जाकर दाएँ कंधे के नीचे रखते है। इस अवस्था में दोनों हाथों की कैची जैसी स्‍थिति बन जाती है, उसके बाद इसके बीच में सिर को रखते है। वापस पहले वाली अवस्‍था में आने के लिए हाथों को जंघाओं के बगल में रखते है और दोनों कुहनियों की सहायता से उठकर बैठ जाते है।

WD
सावधानी : जिनको पेट में वायु विकार, कमर दर्द की शिकायत हो उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए। इसे खाना खाने के तुरंत बाद न करें।

नितंब मिलने के बाद ही जमीन पर लेटे। लेटते समय जितनी आसानी से जा सकते है, उतना ही जाए। प्रारंभ में घुटने मिलाकर रखने में कठिनाई हो तो अलग-अलग रख सकते है, धीरे अभ्यास करने पर पैर को मिलाने का प्रयास करें। जमीन पर लेटते समय घुटने उपर नहीं उठने चाहिए, पूर्ण रूप से जमीन पर रखें।

लाभ : यह आसन घुटने, वक्षस्थल और मेरुदंड के लिए लाभदायक है। उक्त आसन से उदर में खिंचाव होता है, इस खिंचाव के कारण उदर संबंधी नाडि़यों में रक्त प्रावाहित होकर उन्हें सशक्त बनाता है। इससे उदर संबंधी सभी तरह के रोगों में लाभ मिलता है। साथ ही पेट की चर्बी भी घटती है।