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Written By WD

महिला दिवस : आंकड़ों की चीख किसने सुनी?

सौजन्य : विभिन्न वार्षिक रिपोर्ट

Women's day | महिला दिवस : आंकड़ों की चीख किसने सुनी?
दिल्ली गैंगरेप के बाद बड़ा सवाल ये है कि क्या इस घटना के बाद किसी के साथ कोई बलात्कार नहीं हुआ..? या किसी महिला की अस्मत इसके बाद नहीं लूटी गई..? दिल्ली पुलिस की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2012 में राजधानी में 706 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।

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गौरतलब है कि 2012 के बलात्कार आंकड़ें 2011 के मुकाबले 24 प्रतिशत ज़्यादा हैं। साल 2011 में दिल्ली में बलात्कार के 572 मामले सामने आए थे।

एनसीआरबी के 1953 से लेकर 2011 तक के अपराध के आंकड़े चौंकाने वाले हैं।

1971 के बाद से देश में बलात्कार की घटनाएं 873.3 फीसदी तक बढ़ी हैं।

1971 में जहां देशभर में 2 हजार 487 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए…वहीं 2011 में 24 हजार 206 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।

इसके अलावा उन मामलों की फेरहिस्त भी काफी लंबी है जिनकी शिकायत थाने तक पहुंचने ही नहीं या पहुंचने ही नहीं दी गई..!

बलात्कार के मामलों में 40 साल में करीब 800 फीसदी तक का ईजाफा हैरान करने वाला है।

नई दिल्ली। देश की विभिन्न अदालतों में बलात्कार एवं यौन अपराध से जुड़े 24,117 मामले लंबित है जिसमें सबसे अधिक 8215 मामले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में हैं।

विधि एवं न्याय मंत्री अश्विनी कुमार ने कहा कि 30 सितंबर 2012 तक देश के विभिन्न उच्च न्यायालयों में बलात्कार से जुड़े 23,792 और उच्चतम न्यायालय में 325 मामले लंबित है।

2009 से 11 नवंबर 2012 तक तीन वर्ष के दौरान बलात्कार से जुड़े 8,772 मामलों का निपटारा किया गया है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इलाहाबाद उच्च न्यायालय में बलात्कार से जुड़े 8215 मामले, मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में 3,758 पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में 2,717, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में 1,533, उड़ीसा उच्च न्यायालय में 1,080, राजस्थान उच्च न्यायालय में 1,164 तथा बम्बई उच्च न्यायालय में 1,009 मामले लंबित हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय में बलात्कार से जुड़े 924 मामले लंबित हैं। झारखंड उच्च न्यायालय में बलात्कार से जुड़े 822, पटना उच्च न्यायालय में 797, केरल उच्च न्यायालय में 420, आंध्रप्रदेश उच्च न्यायालय में 269, कर्नाटक उच्च न्यायालय में 243, गुजरात उच्च न्यायालय में 230 मामले लंबित हैं।

वहीं, मद्रास उच्च न्यायालय में 179, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय में 177, गुवाहाटी उच्च न्यायालय में 174, जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय में 28, कोलकाता उच्च न्यायालय में 27 और उत्तराखंड उच्च न्यायालय में 26 मामले लंबित हैं।

सिक्किम उच्च न्यायालय में बलात्कार से जुड़ा कोई मामला लंबित नहीं है। (भाषा)