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Written By ND

हँसती हैं, घुलती हैं मिलती हैं हिलेरी!

हँसती हैं, घुलती हैं मिलती हैं हिलेरी! -
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चुनाव प्रचार के दौरान लोगों का दिल जीतने के लिए इन दिनों हिलेरी क्लिंटन इमेज कंसल्टेंट्स की सलाह भी ले रही हैं। जैसा कि उन्हें सुझाया गया है, अपनी खुशनुमा छवि स्थापित करने के लिए वे खुलकर हँसती हैं, जमकर किस्सागोई करती हैं, मिलनसारिता के साथ भली-भली बातें भी करती हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनावों में इस बार एक महिला उम्मीदवार के उतरने के खूब चर्चे हैं। विश्व महाशक्ति के सत्ता केंद्र व्हाइट हाउस में अब तक कोई महिला राष्ट्रपति नहीं विराजी है। अतः हिलेरी क्लिंटन प्रथम महिला राष्ट्रपति बनने के ध्येय की ओर बढ़ते हुए आकाश-पाताल एक किए हुए हैं। अपनी नई छवि में वे बेहद ऊर्जावान, मिलनसार, हँसमुख स्त्री के रूप में प्रस्तुत हैं। मगर अपने व्यस्ततम रूटीन के बीच भी वे अपने आप के लिए, अपने परिवार के लिए और अपने व्यक्तित्व को और निखारने के लिए कैसे समय निकालती हैं, यह गौर करने की बात है।

हिलेरी कहती हैं- 'जीवन में आप कुछ भी हों या कोई भी काम कर रहे हों, अपनी स्वयं की आंतरिक लय को सुनते रहना जरूरी है। जीवन की भागम-भाग में इंटरनल रिदम नहीं बिगड़ना चाहिए। अतः मैं अपने स्वयं के लिए फुरसत के क्षण निकालना कभी नहीं भूलती। मैं व्यायाम करती हूँ, सप्ताहांत में थोड़ा सुस्ताती हूँ और हाँ विटामिन भी लेती हूँ। मैं समय-समय पर पैदल चलना पसंद करती हूँ। इससे शरीर में जान बनी रहती है। मेरा मस्तिष्क कुंद न हो जाए, इस हेतु मनपसंद किताबें भी पढ़ती हूँ। मुझे पढ़ने में बहुत आनंद आता है। इस वक्त मैं प्रेसीडेंट लिंकन के बारे में डोरिस कर्न की किताब 'टीम ऑफ राइवल्स' पढ़ रही हूँ।'

हिलेरी कहती हैं- व्यस्तता के बीच ही वे बेटी चेल्सी के लिए भी समय निकालती हैं। माँ-बेटी कई काम एक साथ मिलकर करती हैं, इससे
हिलेरी कहती हैं- 'जीवन में आप कुछ भी हों या कोई भी काम कर रहे हों, अपनी स्वयं की आंतरिक लय को सुनते रहना जरूरी है। जीवन की भागम-भाग में इंटरनल रिदम नहीं बिगड़ना चाहिए
काम भी अच्छा होता है, साथ भी बना रहता है। हालाँकि व्यस्तता एक बड़ी मुश्किल है, पर वे बेटी को जब देती हैं क्वालिटी टाइम देती हैं।हिलेरी कहती हैं- चूँकि वे हमेशा से ही एक प्रोफेशनल और कामकाजी महिला रही हैं, अतः उन्होंने बेटी और पति के साथ वक्त बिताने के लिए कुछ पारिवारिक अनुशासन तय कर रखे थे। जैसे जब एक ही शहर में हों, शाम का खाना एक साथ खाना। बिल या हिलेरी में से कोई भी एक, चेल्सी जब नन्हीं थी तब उसे हर रात एक कहानी भी सुनाया करते थे। हिलेरी कहती हैं- 'चूँकि हम कामकाजी दंपति थे, अतः कार्य की व्यस्तता के अलावा दोस्तों के साथ पार्टी इत्यादि में जाने से बचते थे, ताकि चेल्सी को वक्त दे सकें।'

हिलेरी कहती हैं कि बढ़ती सेलिब्रिटी कल्चर ने बच्चों में भौतिकवाद बढ़ा दिया है, जो उनके विकास के लिए घातक है। 'नन्हें दिमागों पर जरूरत से ज्यादा चकाचौंध गलत असर डालती है। बड़े लोगों की चौंधियाहट से बच्चों को बचाने के लिए माँ-बाप को उन्हें सामान्य जीवन की मिसाल देनी चाहिए। हम लोग जब गवर्नर हाउस में थे, तब वहाँ सब सुख-सुविधाएँ थीं पर हम चाहते थे कि चेल्सी अपना कमरा समेटने, अपना बिस्तर लगाने जैसे छोटे-मोटे काम खुद के हाथ से ही करे। बल्कि आपमें ये मूल्य हों, तभी बच्चे भी उनका अनुसरण करेंगे। खासकर बड़े घरों के बच्चों के लिए तो सामान्य जीवन की मिसाल और जरूरी है ताकि विशेषाधिकार उन्हें बिगाड़ न दें', कहती हैं हिलेरी।

भारत के नेताओं, फिल्मी सितारों और रईसों को हिलेरी की यह बात निश्चित ही अपनाना चाहिए।

हिलेरी कहती हैं- समाज और कार्यालयीन साथियों को कामकाजी स्त्रियों का दृष्टिकोण संवेदना के साथ समझना चाहिए, ताकि वे दोनों मोर्चों पर अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें। महिलाओं को एक-दूसरे की जिम्मेदारियाँ बाँटना चाहिए और अपने स्वयं के स्वास्थ्य और व्यक्तित्व पर ध्यान देना चाहिए, ताकि ऊर्जा, उत्साह और जोश बना रहे।