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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , बुधवार, 7 सितम्बर 2011 (23:00 IST)

गाजे-बाजे के साथ निकली शोभायात्रा

गाजे-बाजे के साथ निकली शोभायात्रा -
यहाँ नूतन नगर स्थित राधाकुंज सभागार में बुधवार से श्रीनाथ चरित्रामृत कथा रसपान महोत्सव का शुभारंभ हुआ। कथा शुभारंभ के पूर्व गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में भजनों पर सभी वैष्णवजन जमकर थिरके।


शोभायात्रा किला द्वार से शुरू हुई। इसमें सबसे आगे दो समाजजन घोड़ों पर सवार होकर ध्वज लिए चल रहे थे। इसके बाद नन्हीं बालिकाएँ गरबा नृत्य करती चल रही थी। यह शोभायात्रा जैसे-जैसे आगे बढ़ रही थी, वैसे-वैसे वैष्णवजनों को उत्साह बढ़ते जा रहा था। जगह-जगह जोरदार आतिशबाजी और पुष्पवर्षा से शोभायात्रा का स्वागत किया गया। शोभायात्रा के दौरान 'चल जा रे हट नटखट ना छू रे मेरा घूँघट, राधे-राधे रटो चले आएँगे बिहारी, नटखट नंदकिशोर' जैसे सुमधुर भजनों पर वैष्णवजन थिरकते हुए चल रहे थे। शोभायात्रा शहर के विभिन्ना मार्गों से होती हुई कथा स्थल राधाकुंज सभागार पहुँची। शोभायात्रा में कुछ अन्य परिवार ग्रंथ को शिरोधार्य कर चल रहे थे।


भटकाव से मुक्ति के लिए ठाकुरजी की शरण

जिसे ठाकुरजी ने अपना लिया वह कभी अपने मार्ग से भटक नहीं सकता। यदि जीवन में दिग्भ्रमित होने की स्थिति आती है तो ठाकुरजी उसे अपनी शरण में लेकर संभाल लेते हैं। यह बात युवा वैष्णवाचार्य श्री ब्रजराज कुमार महोदयश्री ने श्रीनाथ चरित्रामृत कथा में हुए कही। बुधवार को ही कथा स्थल पर श्रीनाथजी का प्रागट्य उत्सव भी मनाया गया। इस दौरान उत्सव से संबंधित झाँकी ने श्रद्धालुओं को आकर्षित किया। बीसा नीमा महाजन समाज द्वारा यह साप्ताहिक धार्मिक आयोजन किया जा रहा है। कथा के दौरान श्री द्रुमिल कुमार महोदयश्री भी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि अत्याधुनिक पांडाल में लगभग 10 हजार श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। मुख्य मनोरथी सूरजबेन महाजन परिवार ने महोदयश्रीद्वय का स्वागत किया। इसके अतिरिक्त वैष्णवजनों ने भी कथा प्रारंभ होने के पूर्व पूज्यश्री का स्वागत किया।


कार्यक्रम की रूपरेखा

कथा प्रतिदिन दोपहर 2.30 से 7 बजे तक चलेगीा। इस साप्ताहिक आयोजन में 8 सितंबर को श्रीनाथजी प्रथम मिलन गोवर्धनलीला, 9 सितंबर को पवित्रा उत्सव, 10 सितंबर को नन्द महोत्सव, 11 सितंबर को सप्तधारा उत्सव व 12 सितंबर को रासोत्सव का आयोजन होगा। 13 सितंबर को पूर्णाहुति होगी। 14 सितंबर को श्री द्रुमिल कुमार महोदयश्री का 50वाँ जन्मोत्सव मनाया जाएगा।