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Written By Naidunia
Last Modified: खरगोन , शनिवार, 8 अक्टूबर 2011 (23:15 IST)

मौत के कारणों का खुलासा होगा?

मौत के कारणों का खुलासा होगा? -
जिला अस्पताल में हुई निशा की मौत के कारणों का शीघ्र ही खुलासा होगा। विषम परिस्थितियों में निशा की मौत के बाद जिला प्रशासन ने जाँच रिपोर्ट तैयार कर ली है। संभवतः 11 अक्टूबर को यह रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी जाएगी। उल्लेखनीय है जिले के आशापुर गाँव की निशा (3) को उसके परिजन गंभीर अवस्था में मंडलेश्वर अस्पताल से रैफर कर दिए जाने के बाद यहाँ लाए थे। कलेक्टर द्वारा अस्पताल के आकस्मिक दौरे के बीच यह प्रकरण सामने आया था।


गौरतलब है 4 अक्टूबर की रात निशा पिता कमलेश की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि निशा बुखार से पीड़ित होकर खून की भी कमी थी। कमलेश ग्राम आशापुर से अपनी दो बेटियों के इलाज के लिए मंडलेश्वर अस्पताल पहुँचा था जहाँ से इन्हें जिला अस्पताल भेजा गया था। इसी दिन सुबह कलेक्टर डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने औचक निरीक्षण किया था। इस प्रकरण में अभिभावकों से चर्चा के बाद अस्पताल प्रबंधन को तत्काल रक्त उपलब्ध कराने के साथ उपचार में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद निशा को शाम तक रक्त नहीं चढ़ाया जा सका और रात्रि में उसने दम तोड़ दिया था। तत्पश्चात कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम एसपीएस चौहान एवं तहसीलदार विवेक सोनकर ने जाँच शुरू की थी।


सभी के बयान दर्ज

जाँच में लगभग सभी चिकित्सकों व कर्मचारियों के साथ ही परिजनों के बयान दर्ज कर लिए गए हैं। सूत्रों की मानें तो इस प्रकरण में ब्लड बैंक प्रक्रिया का बारिकी से अध्ययन किया है। जाँच अधिकारियों ने निशा को अस्पताल में भर्ती किए जाने से लगाकर उसके दम तोड़ दिए जाने तक बिंदुवार जाँच प्रतिवेदन तैयार किया है। एसडीएम के पुनः कार्यस्थल पर लौटते ही यह रिपोर्ट कलेक्टर को सौंप दी जाएगी। इस प्रकरण में उपचाररत दूसरी बेटी ज्योति का स्वास्थ्य सुधार पर है।


सवाल ये भी हैं...

हालाँकि शनिवार तक जाँच रिपोर्ट का खुलासा नहीं हो सका, परंतु अस्पताल में निशा की मौत और उससे जुड़े घटनाक्रम को बिंदुवार तैयार कर घटना से जुड़े प्रत्येक कर्मचारी व चिकित्सक की भूमिका का उल्लेख किया गया है। चूँकि निशा अस्पताल में गंभीर अवस्था में पहुँची थी, अतः उसकी मौत के लिए उन जवाबदारों की भूमिका भी तय की जानी चाहिए जो आशापुर गाँव एवं मंडलेश्वर अस्पताल से जुड़े हैं। इसे देखते हुए जाँच में ये सवाल भी जोड़े जाने चाहिए-


* निशा किस दिन से बीमार हुई और स्थानीय आँगनवाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को सूचना कब मिली?


* सूचना मिलने पर आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ने क्या सहयोग दिया और एएनएम ने क्या उपचार दिया?


* निशा के बीमार होने पर कितने दिन बाद उसे मंडलेश्वर अस्पताल ले जाया गया?


* मंडलेश्वर में निशा की स्थिति क्या थी और उसे क्या उपचार दिया गया?


* मंडलेश्वर में उपचार के साथ रैफर करने का फासला क्या था?


* जिला चिकित्सालय में भर्ती के दौरान निशा की क्या स्थिति थी एवं त्वरित उपचार क्या दिया गया?