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Written By Naidunia
Last Modified: बड़वानी , बुधवार, 7 सितम्बर 2011 (04:03 IST)

जागृत आदिवासी दलित संगठन ने निकाली रैली

जागृत आदिवासी दलित संगठन ने निकाली रैली -
जागृत आदिवासी दलित संगठन के बैनर तले हजारों आदिवासी महिला-पुरुषों ने जिला मुख्यालय पर एक रैली निकाली। इस दौरान नुक्कड़ सभा आयोजित कर विजय स्तंभ पर भीमा नायक और अन्य शहीदों को याद किया। बाद में यो लोग जिला पंचायत कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए तथा विभिन्ना माँगों का ज्ञापन जिपं सीईओ राजेश शुक्ल को सौंपा। इस दौरान यातायात को दूसरे मार्गों की ओर मोड़ना पड़ा।


जिले में रोजगार गारंटी योजना के तहत कार्यों में मजदूरी का भुगतान समय से नहीं मिलने, प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिमाह 14 किलो अनाज, डेढ़ किलो दाल देने, हर कृषि उपज मंडी में सभी अनाज, दलहन, तिलहन की समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीदी करने, सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाएँ दूर कर सुविधाएँ उपलब्ध कराने जैसे मुद्दों को लेकर जागृत आदिवासी दलित संगठन ने रैली निकाली।


नगर के कृषि उपज मंडी के सामने से निकली रैली राजघाट रोड, बस स्टैंड, पुराने कलेक्टोरेट, कचहरी मार्ग, रणजीत चौक, झंडा चौक, एमजी रोड, विजय स्तंभ होते हुए जिला पंचायत कार्यालय के समक्ष पहुँची। पुराने कलेक्टोरेट और झंडा चौक पर नुक्कड़ सभाएँ हुईं, जिसमें संगठन के वालसिंग भाई, हरसिंग भाई, बसंतीबाई, इंदिराबाई आदि कार्यकर्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि जिला पंचायत में रोजगार एवं अन्य कार्यों के लिए करोड़ों की राशि आ रही है, फिर भी रोगायो में मजदूरी का भुगतान कई महीनों से नहीं हुआ है। ऐसे में गरीब का घर चलाना मुश्किल हो रहा है।


सशक्त लोकपाल

बिल लागू हो

उन्होंने बताया कि महँगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए सशक्त लोकपाल बिल कानून सभी जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, अधिकारियों पर लागू होना चाहिए। प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में बीपीएल और एपीएल का फर्म छोड़कर सभी को सस्ता एवं पूरा खाद्यान्ना मिलना चाहिए। कानून में यह प्रावधान भी हो कि प्रत्येक व्यक्ति को एक माह में 14 किलो अनाज, डेढ़ किलो दाल, 800 ग्राम तेल दिया जाए। अनाज में जुवार, मक्का, बाजारा भी हो। जल, जंगल और जमीन खाद्यान्ना उत्पादन के लिए संरक्षित हो। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर, दवाइयों की कमी को दूर किया जाए और मरीजों को सुविधाएँ दी जाएँ।