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Written By भाषा
Last Modified: सागर (भाषा) , मंगलवार, 3 जून 2008 (16:38 IST)

हॉकी को चाहिए व्यावसायिक नजरिया

हॉकी को चाहिए व्यावसायिक नजरिया -
भारत में हॉकी के उत्थान के लिए व्यावसायिक नजरिए को जरूरी बताते हुए तदर्थ चयन समिति के अध्यक्ष असलम शेरखान ने कहा कि देश को दुनिया में स्वर्णिम उँचाइयों तक पहुँचाने के लिए मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराना जरूरी है।

असलम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हॉकी खिलाड़ि‍यों को दूसरे खेलों के खिलाड़ि‍यों की तरह आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के रास्ते खोलने होंगे।

उन्होंने बताया कि जल्द ही हॉकी को भी क्रिकेट जैसा ग्लैमरस खेल बनाने के लिए बड़ी-बड़ी कंपनियों से अनुबंध किए जा सकते हैं।

देश में आजादी के बाद पहली बार हॉकी के खिलाड़‍ियों के चयन की जिम्मेदारी पूर्व खिलाड़‍ियों को सौंपने के सरकार के निर्णय को क्रांतिकारी बताते हुए असलम ने कहा कि देश में हॉकी की दुर्दशा की वजह युवा प्रतिभाशाली खिलाड़‍ियों की कमी नहीं बल्कि चयन प्रक्रिया में व्याप्त भ्रष्टाचार है।

हॉकी के उत्थान के लिए विदेशी व्यवस्था को अपनाए जाने की जरूरत पर बल देते हुए पूर्व ओलिंपियन ने कहा कि विदेशों में सरकारें हॉकी के लिए महज राशि‍ मंजूर करने का काम करती हैं, जबकि टीम के चयन व प्रशिक्षण की जिम्मेदारी पूरी तरह से चयन समिति व प्रशिक्षक पर छोड़ देती है जिससे खेल प्रशासनिक दाँव पेंच और बाबूगिरी की काली छाया से बचा रहता है।