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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 12 अगस्त 2010 (23:50 IST)

भारत ने अब तक जीते हैं 102 स्वर्ण

भारत ने अब तक जीते हैं 102 स्वर्ण -
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119वें राष्ट्रमंडल खेलों के मेजबान भारत ने अब तक हुए 18 खेलों में 102 स्वर्ण सहित कुल 271 पदक हासिल किए हैं और उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2002 के मैनचेस्टर खेलों में रहा था, जहाँ उसने 30 स्वर्ण सहित कुल 69 पदक हासिल किए थे।

भारत ने 1930 से शुरु हुए राष्ट्रमंडल खेलों में चार बार 1930, 1950, 1962 और 1986 में हिस्सा नहीं लिया है जबकि वह 1938 और 1954 के राष्ट्रमंडल खेलों में कोई पदक हासिल नहीं कर पाया था।

भारत का राष्ट्रमंडल खेलों के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2002 के मैनचेस्टर खेलों में रहा था जब उसने इन खेलों में 30 स्वर्ण, 22 रजत, 17 काँस्य सहित कुल 69 पदक जीते थे और वह चौथे स्थान पर रहा था।

भारत ने 1930 में हैमिल्टन, कनाडा में हुए पहले राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। लंदन में 1934 में हुए दूसरे खेलों में भारत को सिर्फ कुश्ती में एक काँस्य पदक मिला था। सिडनी में 1938 में हुए तीसरे राष्ट्रमंडल खेलों में भारत कोई पदक नहीं जीत पाया था।

देश की आजादी के बाद 1950 में ऑकलैंड, न्यूजीलैंड में हुए चौथे राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया था। वर्ष 1954 में वैंकुवर, कनाडा में हुए पाँचवे खेलों में भारत के हाथ कोई पदक नहीं लगा था लेकिन 1958 में कार्डिफ विल्स में हुए छठें खेलों में भारत ने दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता।

वर्ष 1962 में पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में हुए सातवें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने भागीदारी नहीं की थी। किंग्सटन, जमैका में 1966 में हुए आठवें खेलों में भारत ने तीन स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य सहित कुल दस पदक हासिल किए थे। इन खेलों के बाद से भारत ने लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार किया है।

एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में 1970 में हुए नौवें खेलों में भारत ने पाँच स्वर्ण, तीन रजत और चार काँस्य सहित 12 पदक जीते थे। क्राइस्ट चर्च, न्यूजीलैंड में 1974 में हुए दसवें खेलों में भारत की पदक संख्या 15 पहुँच गई, जिनमें चार स्वर्ण, आठ रजत और तीन काँस्य पदक शामिल थे।

1978 में एडमल्टन, कनाडा में हुए 11वें खेलों में भारत ने पाँच स्वर्ण, पाँच रजत और पाँच काँस्य सहित कुल 15 पदक हासिल किए। ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में 1982 में हुए 12वें खेलों में भारत के हाथ पाँच स्वर्ण, आठ रजत और तीन काँस्य सहित कुल 16 पदक लगे।

एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड में 1986 में हुए 13वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने हिस्सा नहीं लिया जबकि 1990 में ऑकलैंड में हुए 14वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत ने 13 स्वर्ण, आठ रजत और 11 काँस्य पदक जीतकर अब तक का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।

लेकिन 1994 में विक्टोरिया, कनाडा में हुए ।5वें खेलों में भारत के प्रदर्शन में गिरावट आई और वह छह स्वर्ण, 12 रजत और सात ॉस्य सहित कुल 25 पदक ही जीत पाया। कुआलालंपुर, मलेशिया में 1998 में हुए 16वें राष्ट्रमंडल खेलों में भी वैसी ही स्थिति रही। भारत ने सात स्वर्ण, दस रजत और आठ काँस्य सहित कुल 25 पदक जीते।

भारत के लिए वर्ष 2002 के मैनचेस्टर कामनवैल्थ गेम्स ऐतिहासिक रहे, जिनमें उसने अपने राष्ट्रमंडल खेल इतिहास का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत ने 30 स्वर्ण, 22 रजत और 17 काँस्य सहित कुल 69 पदक हासिल किए।

इन 30 स्वर्ण पदकों में 14 स्वर्ण तो निशानेबाजी और 11 स्वर्ण भारोत्तोलन में थे। भारत को कुश्ती में तीन स्वर्ण और हॉकी तथा मुक्केबाजी में एक-एक स्वर्ण मिला।

मेलबोर्न में 2006 में हुए 18वें राष्ट्रमंडल खेलों में भारत की पदक संख्या में थोड़ी गिरावट आई और वह 22 स्वर्ण, 17 रजत और 11 काँस्य सहित कुल 50 पदक ही हासिल कर पाया। इन 22 स्वर्ण में 16 स्वर्ण तो अकेले निशानेबाजों के नाम थे। भारत को टेबल टेनिस में दो, भारोत्तोलन में तीन और मुक्केबाजी में एक स्वर्ण पदक मिला।

दरअसल मेलबोर्न में भारोत्तोलन के मामले में कुछ नियम परिवर्तन किए गए थे। वर्ष 2002 तक भारोत्तोलन में प्रत्येक वजन वर्ग में तीन-तीन पदक दिए जाते थे जबकि 2006 में हर वजन वर्ग के लिए एक-एक पदक निर्धारित कर दिया गया। यही कारण था कि भारोत्तोलन में भारत 2002 के 11 स्वर्ण, नौ रजत और सात काँस्य पदक के मुकाबले 2006 में तीन स्वर्ण, पाँकाँस्य और एक रजत पदक पर आ गया।

वर्ष 2006 में कुश्ती मेलबोर्न खेलों का हिस्सा नहीं थी। इससे भी भारत की पदक संख्या में फर्क पड़ा। मैनचेस्टर में भारत ने कुश्ती में तीन स्वर्ण और तीन रजत पदक जीते थे। कुश्ती एक बार फिर दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल कर ली गई है। (वार्ता)