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Written By वार्ता

सेंसेक्स 529 अंक लुढ़का

राहत पैकेज की मंजूरी भी नहीं फूँक सकी जान

सेंसेक्स 529 अंक लुढ़का -
अमेरिका सीनेट के देश के वित्तीय संकट से उबरने के लिए 700 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मंजूरी भी विश्व के शेयर बाजारों में जान नहीं फूँक सकी। चौतरफा बिकवाली के दबाव में बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) के सेंसेक्स ने 529 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने 135 अंक का गोता लगाया।

राहत पैकेज मंजूर होने के बावजूद अमेरिका के बाजारों में कल भारी गिरावट देखी गई थी। यहाँ गाँधी जयंती ईद होने से अवकाश रहा।
एशियाई शेयर बाजार भी कारोबार की शुरुआत से बिकवाली के दबाव में रहे और भारतीय बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे।

बाजार विशलेषकों का कहना है कि 700 अरब डॉलर के पैकेज से भी अमेरिकी वित्तीय संकट से उबर पाना मुश्किल लग रहा है। यहाँ के शेयर बाजार इसका फायदा पहले ही उठा चुके हैं। ऐसे में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी बाजार को सहारा नहीं दे सकी। अब पैकेज अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के समक्ष रखा जाना है और ऐसी उम्मीद है कि इसे वहाँ मंजूरी मिल जाएगी।

सत्र की शुरुआत में सेंसेक्स बुधवार के 13055.67 अंक की तुलना में 165 अंक नीचे 12899.62 अंक पर खुला और ऊँचे में 13001.19 अंक तक गया। सत्र के दौरान सेंसेक्स अधिकांश समय दबाव में ही रहा। नीचे में 12472.61 अंक तक लुढ़कने के बाद समाप्ति पर कुल 529.35 अंक अर्थात 4.05 प्रतिशत के नुकसान से 12526.32 अंक रह गया।

एनएसई का निफ्टी 3953.55 अंक की तुलना में मजबूत खुला और ऊँचे में 3969.55 अंक तक चढ़ने के बाद समाप्ति पर कुल 3.35 प्रतिशत अर्थात 135.25 अंक के नुकसान से 3818.30 अंक पर बंद हुआ। नीचे में यह 3804.85 अंक तक गिरा।

बीएसई में बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि किसी वर्ग का सूचकांक इससे बच नहीं सका। मिडकैप और स्मालकैप ने क्रमशः 146.36 तथा 141.40 अंक का गोता लगाया। धातु 7.01 प्रतिशत अर्थात 634.54 अंक के नुकसान से 8417.11 अंक रह गया। ऑइल एंड गैस 512.88 अंक अर्थात 5.74 प्रतिशत टूटा। रियलिटी, कंज्यूमर, ड्यूरेबल, कैपिटल गुड्स और आई वर्ग के सूचकांक भी खासे दबाव में रहे।

निफ्टी मिडकैप और स्मालकैप में क्रमशः 3.33 तथा 3.58 प्रतिशत का नुकसान हुआ। एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसैंग 2.9 प्रतिशत और जापान का निक्केई 1.9 प्रतिशत नीचे रहे।

बीएसई सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 2311 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ। एनएसई में कुल कारोबार 7909 करोड़ रुपए का कामकाज हुआ। बीएसई में बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि कुल 2643 कंपनियों के कारोबार में 72.46 प्रतिशत अर्थात 1915 के शेयर नीचे आए। मात्र 25.69 प्रतिशत अथवा 679 के शेयर लाभ और 49 में स्थिरता रही।

सेसेक्स के तीस शेयरों में तीन लाभ और बाकी नुकसान में रहे। सेंसेक्स में सर्वाधिक नुकसान टाटा स्टील की कंपनी को 10.22 प्रतिशत का हुआ। कंपनी का शेयर 44.85 रुपए के नुकसान से 393.80 रुपए रह गया। आईसीआईसीआई बैंक फिर से बिकवाली की गिरफ्त में दिखा। इसमें 504.50 रुपए पर 8.51 प्रतिशत अर्थात 46.95 रुपए निकल गए।

स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा पॉवर, एचडीएफसी, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, एलएंडटी, इन्फोसिस टैक्नोलॉजी, भारती एयरटेल, रिलायंस कम्युनिकेशन, डीएलएफ, टाटा मोटर्स, जयप्रकाश एसोसिएट्स, विप्रो लिमिटेड, ओएनजीसी, टीसीएस, मारुति सुजुकी, सत्यम कम्प्यूटर और एचडीएफसी बैंक के शेयर सेंसेक्स के फायदे वाली पहली 20 कंपनियों के शेयर रहे।

सरकार से अधिग्रहण की मंजूरी मिल जाने के बाद रैनबैक्सी का शेयर 4.83 प्रतिशत अर्थात 12.15 रुपए बढ़कर 263.85 रुपए पर बंद हुआ। महिन्द्रा एंड महिन्द्रा में 515.15 रुपए पर 1.70 प्रतिशत अर्थात 8.60 रुपए बढ़ गए। हिन्दुस्तान लीवर 256.15 रुपए पर 0.81 प्रतिशत अर्थात 2.05 प्रतिशत ऊँचा बंद हुआ।