शुक्रवार, 29 मार्च 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. शेयर बाजार
  4. »
  5. समाचार
Written By वार्ता

बाजार बेजार, सेंसेक्स 367 अंक टूटा

बाजार बेजार, सेंसेक्स 367 अंक टूटा -
वैश्विक मंदी की दहशत की आशंका से थर्राने के बाद देश के शेयर बाजार बुधवार को काफी हद तक संभलने के बावजूद तीव्र गिरावट में रहे। बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 367 अंक तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने 93 अंक का गोता लगाया।

अमेरिका के शेयर बाजार में मंगलवार को भारी बिकवाली के दबाव से यहाँ कारोबार की शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि गिरावट का रिकॉर्ड बनेगा, किंतु वित्तमंत्री पी. चिदम्बरम, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कमलनाथ और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेकसिंह अहलूवालिया के बयानों से बाजार संभलते दिखे।

चिदम्बरम ने कहा जरूरत पड़ने पर सरकार तरलता को बढ़ाने के लिए और उपाय करेगी। कमलनाथ का कहना था कि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत है और शेयर बाजारों में आ रही गिरावट को लेकर अधिक चिंता करने की जरूरत नहीं है, वहीं अहलूवालिया ने निवेशकों से दहशत में नहीं आने के लिए कहा कि बाजार जल्दी ही फिर से पटरी पर लौटेगा।

अमेरिका में देश के वैश्विक वित्त संकट के लिए 700 अरब डॉलर का पैकेज भी शेयर बाजारों की चिंता को दूर नहीं कर पाया है। यहाँ शेयर बाजार लगातार पाँचवें दिन टूटे और डाऊ जोंस सूचकांक 5.11 प्रतिशत अर्थात 508.39 अंक के नुकसान से 9447.11 अंक रह गया। पिछले पाँच दिन के दौरान डाऊ जोंस में करीब 13 प्रतिशत अर्थात 1400 अंक की गिरावट आ चुकी है।

स्टैंडर्ड एंड पूअर्स 500 सूचकांक में 60.66 अंक अर्थात 5.74 प्रतिशत के नुकसान से 996.23 अंक रह गया। नैस्डेक कम्पोजिट सूचकांक 108.08 अंक अर्थात 5.80 प्रतिशत के नुकसान से 1754.88 अंक रह गया।

अमेरिका के शेयर बाजार को देखते हुए एशियाई शेयर बाजार भी बुरी तरह टूटे और सत्र के प्रारंभिक दौर में सेंसेक्स और निफ्टी भी पूरी तरह इसकी चपेट में दिखे। हालाँकि बाद में इसकी तुलना में दोनों सूचकांकों में काफी सुधार आया।

सेंसेक्स कल के 11695.24 अंक की तुलना में सत्र की शुरुआत में 380 अंक नीचा 11316.24 अंक पर खुला और इसके मुकाबले ऊँचे में 11405.73 अंक तक चढ़ा।

इसके बाद चौतरफा बिकवाली के दबाव से सूचकांक कल के मुकाबले 954.48 अंक की भारी गिरावट से दो वर्ष के अंतराल के बाद 11 हजार अंक से नीचे उतरकर 10740.76 अंक तक गिरा और समाप्ति पर इसकी तुलना में 558 अंक सुधरने के बावजूद कुल 366.88 अंक अर्थात 3.14 प्रतिशत के नुकसान से 11328.36 अंक पर बंद हुआ।

निफ्टी 3400 अंक से नीचे जाने के बाद समाप्ति पर कुल 92.95 अंक अर्थात 2.58 प्रतिशत के नुकसान से 3513.65 अंक रह गया। चीन में भी शेयर बाजार का बुरा हाल था।

हालाँकि बाद में यह इस उम्मीद में तीव्र गिरावट से उबरने में सफल रहा कि सरकार बाजार को संभालने के लिए कदम उठाएगी। कारोबार की समाप्ति पर शंघाई कम्पोजिट सूचकांक 3.04 प्रतिशत के नुकसान से 2092.224 अंक रह गया। सत्र में यह नीचे में 2059.086 अंक तक गिरा।

लंदन में भी शेयर बाजार पाँच वर्ष की तलहटी में पहुँचे। एफटीएसईयूरोफर्स्ट 300 सूचकांक 923.86 अंक तक लुढ़के के बाद 948.42 अंक पर आ गया। जापान के निक्केई में 1987 के बाद सबसे बड़ी गिरावट 9.4 प्रतिशत दर्ज की गई। निक्केई सूचकांक 952.58 अंक के नुकसान से 9203.32 अंक रह गया। निक्केई का यह स्तर जून 2003 के बाद का न्यूनतम है।

कोरिया कम्पोजिट स्टॉक सूचकांक 5.81 प्रतिशत गिरकर 1286.69 अंक रह गया। छब्बीस जुलाई 2006 के बाद इसका यह न्यूनतम स्तर है। ऑस्ट्रेलिया का शेयर बाजार भी पिछले तीन वर्ष के निम्न स्तर पर थे।

बीएसई में किसी भी वर्ग का सूचकांक बिकवाली से नहीं बच सका। मिडकैप और स्मालकैप क्रमशः 5.79 तथा 5.57 प्रतिशत टूटे। समाप्ति पर यह क्रमशः 246.48 अंक तथा 277.20 अंक के नुकसान से 4010.48 तथा 4699.19 अंक पर बंद हुए।

अन्य सूचकांकों में कंज्यूमर ड्यूरेबल में सर्वाधिक 6.75 प्रतिशत अर्थात 172.17 अंक का नुकसान हुआ और यह 2380.15 अंक रह गया। आईटी सूचकांक 4.90 प्रतिशत बैंकेक्स 4.42 तथा धातु 4.31 प्रतिशत नीचे आए। रियलिटी में 3.31 प्रतिशत की गिरावट रही। एनएसई का बैंक निफ्टी 4.31 प्रतिशत घटकर 5222.60 अंक रह गया। निफ्टी मिडकैप में 1510.60 अंक पर 5.46 प्रतिशत का नुकसान हुआ।