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Written By वार्ता

काला सोमवार, सेंसेक्स 13 हजार से नीचे

काला सोमवार, सेंसेक्स 13 हजार से नीचे -
वित्तीय बाजार को संकट से उबारने के लिए अमेरिकी कांग्रेस के 700 अरब डॉलर वाले पैकेज को मंजूरी देने के बावजूद आईसीआईसीआई बैंक को लेकर चल रही चर्चाओं से बने घबराहटपूर्ण माहौल के बीच देश के शेयर बाजारों में सोमवार को मंदी का भूचाल आया।

बम्बई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स 506 अंक का गोता लगाकर करीब ढाई माह के उपरांत फिर 13000 अंक से नीचे चला गया। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने 135 अंक की डुबकी लगाई।

कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भी शेयर बाजार को उठाने में नाकाम रही। अमेरिकी कांग्रेस ने 700 अरब डॉलर के पैकेज को मंजूरी तो दी है, लेकिन इसे कई चरणों में लागू किया जाएगा। इसे देखते हुए बाजार में इसके प्रति निवेशकों में कोई उत्साह नहीं दिखा। उधर, देश के निजी क्षेत्र के अग्रणी बैंक आईसीआईसीआई बैंक के अमेरिकी वित्तीय संकट से जुड़ाव को लेकर आ रही खबरों ने निवेशकों के मनोबल को और गिराया।

हालाँकि सत्र की शुरुआत में बीएसई का सेंसेक्स शुक्रवार के 13102.18 अंक की तुलना में 13109.96 अंक पर मामूली मजबूती से खुला और इसके मुकाबले चार अंक और बढ़कर 13113.53 अंक तक गया और फिर लगातार बिकवाली के दबाव में दिखा।

उच्चतम स्तर की तुलना में सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान 700 अंक से अधिक का गोता लगाया और समाप्ति पर कुल 506.43 अंक अर्थात 3.87 प्रतिशत के नुकसान से 12595.75 अंक रह गया। कारोबार में सूचकांक नीचे में 12402.84 अंक तक लुढ़का।

बिकवाली का दबाव इतना अधिक था कि बीएसई के किसी भी वर्ग के सूचकांक को बढ़त नहीं मिल पाई। सर्वाधिक नुकसान बैंकेक्स के सूचकांक में 6.02 प्रतिशत रहा। आईटी वर्ग के सूचकांक में 5.46 प्रतिशत रही। हालाँकि रुपया डॉलर के मुकाबले पाँच वर्ष के बाद पहली बार 47 रुपए तक गिर गया, किंतु अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए देश की आईटी कंपनियों को रुपए की गिरावट का कोई फायदा होता नजर नहीं आ रहा है।

रियलिटी, पॉवर, टेक्नोलॉजी और कैपिटल गुड्स के सूचकांक भी पाँच प्रतिशत से अधिक टूटे। बीएसई के मिडकैप और स्मालकैप सूचकांक में क्रमशः 4.28 तथा 5.27 प्रतिशत का नुकसान रहा। इनके सूचकांक 211.49 तथा 308.75 अंक की गिरावट से क्रमशः 4729.33 तथा 5553.03 अंक पर बंद हुए।

एनएसई का निफ्टी 135.20 अंक टूटकर 3850.05 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स इस वर्ष 16 जुलाई के बाद फिर 13000 अंक से नीचे आया है। सोलह जुलाई को सेंसेक्स 12575.80 अंक था।

चीन का शेयर बाजार बंद था। एशियाई शेयर बाजारों की स्थिति भी भारतीय शेयर बाजार की तरह ही रही। कारोबार के दौरान बीएसई में 2684 कंपनियों के शेयरों में कामकाज हुआ और इसमें से 2281 अर्थात 84.99 प्रतिशत के शेयर नुकसान में रहे। मात्र 13.49 प्रतिशत अथवा 362 कंपनियों के शेयर बढ़े और 41 में स्थिरता थी।

सेंसेक्स की तीस कंपनियों में मात्र एक हिन्दुस्तान यूनीलीवर का शेयर फायदे में रहा। इसमें 0.79 प्रतिशत अर्थात दो रुपए की बढ़त रही और यह 254.50 रुपए पर बंद हुआ।

वैश्विक वित्त संकट के लपेटे में आने की अटकलबाजियों के बीच आईसीआईसीआई बैंक का शेयर 12.11 प्रतिशत अर्थात 67.95 रुपए के नुकसान से 493.30 रुपए रह गया। इस वर्ष बैंक के शेयर में 60 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आ चुकी है।

जयप्रकाश एसोसिएट्स के शेयर को 11.85 प्रतिशत का झटका लगा। यह 14.35 रुपए के नुकसान से 106.70 रुपए रह गया। रियलिटी कंपनी डीएलएफ का शेयर 5.12 प्रतिशत अर्थात 18.90 रुपए के नुकसान से 350.60 रुपए रह गया।

सत्यम कम्प्यूटर, टीसीएस लिमिटेड, टाटा पॉवर, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कम्युनिकेशंस, रैनबैक्सी लैब, महिन्द्रा ऐंड महिन्द्रा, एलएंडटी, टाटा मोटर्स, एनटीपीसी, इन्फोसिस टेक्नोलॉजी, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक, टाटा स्टील, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी और एचडीएफसी के शेयर सेंसेक्स के नुकसान वाली पहली बीस कंपनियों के शेयर थे।