शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
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Written By अनिरुद्ध जोशी 'शतायु'

प्‍यार टेंशन पैदा करता है!

प्‍यार टेंशन पैदा करता है! -
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प्यार नहीं मिला तो टेंशन और मिल गया तो भी टेंशन। एक मित्र हैं मैंने उनसे कहा तुम्हें किस बात की चिंता है। कहने लगे क्या करें यार जीवन खाली-खाली लगता है, कोई जिंदगी में होना चाहिए। दूसरे मित्र ने तपाक से जवाब दिया, अच्छा है जो अकेले हो वर्ना समझ में आ जाती कि जिंदगी में तूफान भी होते हैं।

पतनहीयह किसने कहा था कि प्‍यार टेंशन पैदा करता है और सेक्‍स उसे दूर करता है। और यह भी कि शादी विवेक पर मूर्खता की विजय हैचुटकुलि घड़और शादी में समानता यह की दोनों में ही बारह बजते हैं। धत्त तेरे की...

भारत किस ओर?
कंडोम बनाने वाली प्रमुख कंपनी कामसूत्र ने भारत में एक सर्वेक्षण कराया था जिसमें लगभग 10 बड़े शहरों में रहने वाले 3000 लोगों ने भाग लिया। सर्वेक्षण से आश्चर्यजनक तथ्य उभर कर आया कि 40 प्रतिशत लोगों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने विवाह से पहले शारीरिक संबंध कायम किया था।

सोचें 40 प्रतिशत लोग! क्या यह अच्छी बात है? हमारा मानना है कि 10 बड़े शहरों के मात्र 3000 लोगों के आधार पर आप कोई परिणाम नहीं निकाल सकते। भारत गाँवों में बसता है बाबूजी और गाँवों के लोग आज भी सच्चे और अच्छे हैं।

गलत धारणा...
यह धारणा भी कितनी गलत है कि जोड़े स्वर्ग में तय होते हैं। 'रहस्य' और 'मनोविज्ञान' को जो जानते हैं वे तो शायद ऐसा नहीं कहेंगे। शादी के बारे में आमतौर पर कहा जाता हो कि यह एक ऐसा लड्डू है जिसे खाने वाला भी पछताता है और न खाने वाला भी। समझदार व्यक्ति ऐसी बेवकूफी भरी कहावत पर शायद ही विश्वास करें।

रॉबर्ट एप्सटेन ने कहा था कि किसी भी व्यक्ति में किसी भी व्यक्ति के प्रति छह माह में प्यार जगाया जा सकता है। इसका यह मतलब हुआ कि प्यार होता नहीं किया जाता है।

प्यार एक बीमारी!
कुछ डॉ. अपने शोध के आधार पर कहते हैं कि प्यार एक बीमारी है और इस बीमारी का इलाज है सिर्फ सेक्स। यदि प्रेम के इजहार का मौका नहीं मिलता तो बीमारी और बढ़ जाती है, हो सकता है कि वे गुस्सा, अवसाद या किसी अन्य मानसिक रोग से ग्रस्त हो जाएँ। इसे 'लव सिकनेस' कहते हैं।

बेवफाई का डर...
  मीरा ने कृष्ण से प्रेम किया था किसी गलत वजह से नहीं। पवित्र प्रेम के बारे में सोचने वाले सही हैं। प्यार और विश्वास किसी भी दंपति के जीवन का आधार है। दांपत्य जीवन में प्यार का मतलब सिर्फ सेक्स से नहीं होता।      
खैर यह तो बात प्यार के इजहार से जुड़ी है लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि यदि इजहार कर ही दिया तो फिर नया खेल शुरू होता है जो कुछ दिन तक तो अच्छे अहसास के साथ चलता है, लेकिन फिर धीरे-धीरे उसमें टेंशन पैदा होने लगता है।

बेवफाई का डर ‍भीतर ही भीतर सालता रहता है। यदि प्यार में बेवफाई का सामना करना पड़े तो फिर दिल के दौरे की संभावना बढ़ सकती है बशर्ते कि आप अपने प्रेमी या प्रेमिका से कितने जुड़े हैं यह इस पर तय होता है।

लेकिन यह भी सच है...
तमाम शोध और तमाम बेवकूफी भरे वाक्य प्यार की ताकत को झुठला नहीं सकते और ना ही उसे सेक्स से जोड़ सकते हैं। सेक्स आपके जीवन का अहम हिस्सा हो सकता है, लेकिन प्यार का स्थान उससे कहीं ऊँचा है। मीरा ने कृष्ण से प्रेम किया था किसी गलत वजह से नहीं। पवित्र प्रेम के बारे में सोचने वाले सही हैं। प्यार और विश्वास किसी भी दंपति के जीवन का आधार है। दांपत्य जीवन में प्यार का मतलब सिर्फ सेक्स से नहीं होता।