कल खलाओं से एक सदा आई कि, तुम आ रही हो... सुबह उस समय, जब जहाँ वाले, नींद की आगोश में हो, और सिर्फ मोहब्बत जाग रही हो मुझे बड़ी खुशी हुई कई सदियाँ बीत चुकी थी, तुम्हें देखे हुए!!!
मैंने आज सुबह जब घर से बाहर कदम रखा, तो देखा... चारों ओर एक खुशबू थी, आसमां में चाँद सितारों की मोहब्बत थी, एक तन्हाई थी एक खामोशी थी एक अजीब सा समां था!!! शायद ये मोहब्बत का जादू था!!
मैं स्टेशन पहुँचा, दिल में तेरी तस्वीर को याद करते हुए वहाँ चारों ओर सन्नाटा था... कोई नहीं था...
अचानक बर्फ पड़ने लगी, यूँ लगा, जैसे खुदा प्यार के सफेद फूल बरसा रहा हो चारों तरफ मोहब्बत का आलम था!!
मैं आगे बढ़ा तो, एक दरवेश मिला, सफेद कपड़े, सफेद दाढ़ी, सब कुछ सफेद था उस बर्फ की तरह, जो आसमां से गिर रही थी उसने मुझे कुछ निशिगंधा के फूल दिए, तुम्हें देने के लिए, और मेरी ओर देखकर मुस्करा दिया एक अजीब सी मुस्कराहट जो फकीरों के पास नहीं होती
उसने मुझे उस प्लेटफार्म पर छोड़ा, जहाँ वो गाड़ी आने वाली थी, जिससे तुम आ रही थी पता नहीं उसे कैसे पता चला...
मैं बहुत खुश था सारा समां खुश था बर्फ अब रूई के फाहों की तरह पड़ रही थी चारों तरफ उड़ रही थी मैं बहुत खुश था
मैंने देखा तो, पूरा प्लेटफार्म खाली था, सिर्फ मैं अकेला था सन्नाटे का प्रेत बनकर!!!
गाड़ी अब तक नहीं आई थी, मुझे घबराहट होने लगी... चाँद सितारों की मोहब्बत पर दाग लग चुका था वो समां मेरी आँखों से ओझल हो चुके था मैंने देखा तो, पाया की दरवेश भी कहीं खो गया था बर्फ की जगह अब आग गिर रही थी, आसमां से... मोहब्बत अब नजर नहीं आ रही थी
फिर मैंने देखा!! दूर से एक गाड़ी आ रही थी पटरियों पर जैसे मेरा दिल धड़क रहा हो... गाड़ी धीरे-धीरे, सिसकती सी... मेरे पास आकर रुक गई!! मैंने हर डिब्बे में देखा, सारे के सारे डिब्बे खाली थे मैं परेशान, हैरान ढूँढते रहा गाड़ी बड़ी लंबी थी कुछ मेरी उम्र की तरह कुछ तेरी यादों की तरह
फिर सबसे आखिर में एक डिब्बा दिखा, सुर्ख लाल रंग से रंगा था मैंने उसमें झाँका तो, तुम नजर आई...
तुम्हारे साथ एक अजनबी भी था, वो तुम्हारा था!!!
मैंने तुम्हें देखा, तुम्हारे होंठ पत्थर के बने हुए थे, तुम मुझे देखकर न तो मुस्कराई न ही तुमने अपनी बाँहें फैलाईं!!! एक मरघट की उदासी तुम्हारे चेहरे पर थी!!!
मैंने तुम्हें फूल देना चाहा, पर देखा... तो, सारे फूल पिघल गए थे... आसमां से गिरते हुए आग में जल गए थे मेरे दिल की तरह...
फिर गाड़ी चली गई मैं अकेला रह गया, हमेशा के लिए फिर इंतजार करते हुए अबकी बार तेरा नहीं मौत का इंतजार करते हुए