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Written By भाषा
Last Modified: मुम्बई , बुधवार, 28 नवंबर 2012 (21:48 IST)

शाइनी आहूजा की अपील पर सुनवाई तेज

शाइनी आहूजा की अपील पर सुनवाई तेज -
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बंबई उच्च न्यायालय ने बलात्कार के मामले में निचली अदालत से सजा पाए शाइनी आहूजा की अपील के मामले में उनके यह कहने पर सुनवाई तेज कर दी है कि यह उथली दोषसिद्धि उन्हें वेदना पहुंचा रही है और वे फिर से नया जीवन शुरू करना चाहते हैं।

मार्च, 2011 में एक त्वरित सत्र अदालत ने शाइनी को वर्ष 2009 में नौकरानी का बलात्कार करने के मामले में सात साल की कठोर कैद की सजा सुनाई थी, जबकि पीड़िता सुनवाई के दौरान अपने बयान से पलट गई थी। उसके बाद शाइनी उच्च न्यायालय चले गए।

उनके वकील अशोक मुंदार्गी ने कहा कि डीएनए परीक्षण के परिणाम, नौकरानी की गवाही और परिस्थितिजन्य साक्ष्य कलाकार के खिलाफ नहीं जाते हैं। उन्होंने कहा, उन्हें फिर से नया जीवन शुरू करने दिया जाए।

न्यायमूर्ति एएम थिपासी ने टिप्पणी की कि यदि सबूत नहीं है तो दोषसिद्धि टिक नहीं सकती। इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि लेकिन अदालत दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद ही कुछ तय करेगी। उन्होंने अगली सुनवाई की तिथि 17 दिसंबर तय की।

शाइनी ने कहा, निचली अदालत भी जांच अधिकारी को कॉल डॉटा रिकॉर्ड एवं सीसीटीवी साक्ष्य पेश करने का निर्देश नहीं दे पाई, जिससे सचाई सामने आ पाती कि कोई बलात्कार नहीं किया गया था। उन्होंने अपने पेशे में वापस लौटने से पहले अपने को बेबुनियाद आरोपों से बरी करने का सोच-समझकर फैसला किया है, क्योंकि वे बेरोजगार हैं।

उन्होंने कहा कि उन्हें अपने बूढ़े और बीमार मां-बाप, पत्नी और पांच साल की बेटी की देखभाल करनी है और इस उथली दोषसिद्धि से उन्हें और उनके परिवार को पीड़ा हो रही है। चूंकि वर्ष 2000 की अपीलों पर अब सुनवाई हो रही है और उनकी अपील 2011 की है, ऐसे में इसकी कोई गुजाइंश नहीं है कि उस पर जल्द सुनवाई हो पाएगी।

शाइनी ने कहा कि उन्हें उथले मामले में फंसा दिया गया और यथासंभव उनका नुकसान हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस मामले के चलते वे व्यक्तिगत रूप से, मानसिक रूप से, भावनात्मक रूप से, सामाजिक रूप से और पेशेवर रूप से वेदना झेल रहे हैं। (भाषा)