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Written By वार्ता
Last Modified: वाराणसी (वार्ता) , गुरुवार, 8 नवंबर 2007 (15:51 IST)

विरोध में एकजुट हुए धर्माचार्य

विरोध में एकजुट हुए धर्माचार्य -
उत्तर प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक नगरी काशी के धर्माचार्यों ने पेरियार रामास्वामी नायकर द्वारा रचित 'सच्ची रामायण' की बिक्री एवं प्रचार-प्रसार पर द्वारा तत्काल प्रतिबंध लगाने की माँग की है।

धर्माचार्यों का कहना है कि सरकार का यह कर्तव्य होता है कि किसी प्रकार की गलत सामग्री जनता के बीच न जाने पाए, जिससे लोगों के बीच वैमनस्य पैदा हो एवं आपसी भाईचारा प्रभावित हो।

रामानन्द सम्प्रदाय के प्रमुख श्रीमद्गुरू रामानन्दाचार्य स्वामी रामनरेशाचार्य ने आशा जताई कि राज्य की मुख्यमंत्री मायावती इस प्रकरण पर तुरंत कार्रवाई करते हुए किताब पर प्रतिबन्ध लगाएँगी। उन्होंने कहा कि भगवान राम भारतीय संस्कृति के पर्याय हैं और उनके चरित्र हनन का मतलब होगा भारतीय संस्कृति का हनन।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह कर्तव्य है कि वह समाज एवं देश के प्रति अपने दायित्वों का पालन करते हुए संस्कृति को संरक्षण दे। उन्होंने कहा कि 'सच्ची रामायण' जैसी कृति को प्रोत्साहन तथा संरक्षण देना और इस मुद्दे से पल्ला झाड़ लेना ठीक नहीं है।