गुरुवार, 18 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. प्रादेशिक
Written By वार्ता

औरतों को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं...

औरतों को नमाज पढ़ने की इजाजत नहीं... -
उत्तरप्रदेश के देवबंद में दारूल उलूम ने मुस्लिम महिलाओं को मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करने एवं उन्हें इमामत (नमाज पढानें का हक देने की इजाजत) देने से गुरुवार को साफ इनकार कर दिया।

दारूल उलूम के मोहतमिम मौलाना मरगुबूर्रहमान एवं मुफ्ती जफीरुद्दीन ने कहा कि दारूल उलूम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर की महिलाओं के इमाम बनने एवं मस्जिद में नमाज पढ़ने की घोषणा से बिल्कुल सहमत नहीं हैं। वे इसे गैर इस्लामिक भी मानते हैं।

मौलाना ने कहा कि हजरत पैगम्बर साहब के जमाने में कुछ अरसे तक औरतों ने मस्जिद में नमाज पढ़ी। वे मर्दों के पीछे खड़ी होती थीं। इमाम मर्द होता था। बाद में मोहम्मद साहब ने इस पर पाबंदी लगा दी थी।

उन्होंने कहा कि औरतें घरों में रहकर एकांत में नमाज पढ़ सकती हैं, वहाँ भी कोई उनकी इमामत नहीं कर सकता। मुफ्ती जफीरुद्दीन हजरत पैगम्बर साहब के हवाले से कहते हैं कि मोहम्मद साहब ने खुद फरमाया था कि औरतें जमात के साथ नमाज न पढ़ें।

मुफ्ती जफीरुद्दीन ने स्पष्ट किया कि इमाम अबू हनीफा को मानने वाले देवबंदी मुसलमान इसी परंपरा को मानते हैं और इसी का पालन करते आ रहे हैं। वे मानते हैं कि रवायत तो हर तरह की आती है, पर जो प्रामाणिक है, उन्हीं को माना जाना चाहिए। हम यही कर रहे हैं।