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Written By भाषा

शाकाहारी पहलवानों को हो सकती है परेशानी

शाकाहारी पहलवानों को हो सकती है परेशानी -
नई दिल्ली। बीजिंग ओलिम्पिक में भारत की पदक उम्मीद माने जा रहे पहलवानों की तैयारी भले ही कितनी भी पुख्ता हो, लेकिन शाकाहारी होने के कारण उचित खुराक नहीं मिल पाने का असर उनके प्रदर्शन पर पड़ सकता है।

बीजिंग जा रहे भारतीय पहलवान योगेश्वर दत्त (60 किलो फ्रीस्टाइल), सुशील यादव) 66 किलो फ्रीस्टाइल) और राजीव तोमर (120 किलो फ्रीस्टाइल) में से योगेश्वर और सुशील शाकाहारी हैं जो इससे पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खानपान को लेकर शिकायत कर चुके हैं।

बीजिंग ओलिम्पिक खेलगाँव में खिलाड़ियों के लिए तैयार किये गए मेनू में माँसाहारी व्यंजनों की भरमार है और वहाँ चिकन, मछली, सीफूड से लेकर गौमाँस तक परोसा जाएगा। शाकाहारी वर्ग में सब्जियों मूँगफली, दूध और फलों की व्यवस्था है, लेकिन पावर गेम होने के कारण पहलवानों को प्रोटीन से भरपूर खुराक की जरूरत होगी।

भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष जीएस मंडेर ने परेशानी को स्वीकार किया, लेकिन यह भी कहा कि बीजिंग में भारत के चेफ दे मिशन वी के मुरूगन और भारतीय दूतावास की मदद से कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी क्योंकि खेलगाँव में बाहरी खाना या खानसामा साथ ले जाने की अनुमति नहीं होती।

मंडेर ने कहा इसी वजह से हम पहलवानों को उनकी स्पर्धा से ठीक पहले 14 अगस्त को भेज रहे हैं ताकि खुराक को लेकर दिक्कत कम हो। हम वहाँ भारतीय दूतावास की मदद से कोई स्थानीय व्यवस्था करेंगे। खेलगाँव में अपना रसोइया हम नहीं ले जा सकते।

उन्होंने कहा हमारे पहलवानों को भी अब दुनिया भर के खाने की आदत डालनी होगी क्योंकि हर जगह भारतीय किचन तो उन्हें नहीं मिल सकता। महाबली सतपाल ने कहा कि अधिकांश पहलवान शाकाहारी होते हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमता के अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर पाने का कारण खुराक ना मिल पाना भी है।

उन्होंने कहा कि शाकाहारी पहलवानों को विदेशों में उचित खुराक नहीं मिल पाती जिससे कमजोरी आती है और प्रदर्शन खराब हो जाता है। यही वजह है कि सीनियर स्तर पर वे अधिक पदक नहीं जीत पाते।

खुराक के बारे में उन्होंने कहा कि दूध, बादाम, घर का बना मक्खन, फलों का रस, पनीर, मुरब्बे और मुनक्का जैसी प्रोटीन से भरपूर चीजें रोजाना खाने में होनी चाहिए। प्रोटीन सप्लीमेंट इसलिए नहीं ले सकते कि डोपिंग में फँसने का खतरा रहता है। इतनी खुराक विदेश में मिल पाना मुश्किल होता है।

मंडेर ने कहा कि वह भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से अपने केंद्रों पर पावर खेलों के खिलाड़ियों के लिए अलग मेनू तैयार करने की अपील कर चुके हैं। उन्होंने कहा हर खेल के खिलाड़ी के लिए अलग किस्म की खुराक जरूरी होती है। पावर गेम वालों को वह खाना नहीं दिया जा सकता, जो टेनिस खिलाड़ियों को दिया जाता है। पहलवानों को ऐसा खाना चाहिए, जिसमें प्रोटीन भरपूर हो लेकिन वजन नहीं बढ़े। (भाषा)