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Written By भाषा
Last Modified: पद्दार, जम्मू-कश्मीर , सोमवार, 7 जून 2010 (13:06 IST)

स्वायत्तता चाहिए, स्वतंत्रता नहीं-दलाई लामा

स्वायत्तता चाहिए, स्वतंत्रता नहीं-दलाई लामा -
PTI
दलाई लामा ने इस बात पर जोर दिया है कि उन्हें तिब्बत के लिए ‘स्वायत्तता’ चाहिए, न कि स्वतंत्रता। उन्होंने फिर दोहराया कि तिब्बत के लिए संघर्ष में अहिंसा का ही रास्ता अपनाया जाएगा।

क्या तिब्बत को चीन से स्वतंत्रता मिलेगी, इस सवाल के जवाब में दलाई लामा ने कहा हमें स्वतंत्रता नहीं चाहिए, हम तिब्बत के लिए सार्थक स्वायत्ता की माँग कर रहे हैं, जो तिब्बत की संस्कृति और वहाँ की भाषा के संरक्षण की गारंटी होगी।

उन्होंने कहा आज की तारीख में हर तिब्बती अपने क्षेत्र को आधुनिक बनाना चाहता है। जहाँ तक विकास की बात है, वह नागरिकों के हित में है। क्या युवा इस उद्देश्य को पाने के लिए अहिंसा का रास्ता अपनाने के इच्छुक नहीं हैं, सवाल के जवाब में उन्होंने कहा नहीं, तिब्बत के 99 फीसदी से ज्यादा लोग अहिंसा का रास्ता अपनाने के लिए तैयार हैं, जिनमें युवा संगठन भी शामिल हैं।

दलाई ने कहा युवा संगठन शुरुआत से ही स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन हम स्वतंत्रता के लिए नहीं लड़ रहे, इसलिए मतभेद कायम हैं, लेकिन जहाँ तक अहिंसा की बात है, सभी एकमत हैं। दलाई लामा कल दो दिवसीय यात्रा पर यहाँ पहुँचे हैं।

भारत के बारे में उन्होंने कहा मैं भारत से करीबी से जुड़ा हूँ और अब अपने आप को इसका शांतिदूत मानता हूँ। (भाषा)