शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. »
  3. समाचार
  4. »
  5. राष्ट्रीय
  6. महँगाई की मार, सरकार को इंतजार!
Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , मंगलवार, 8 दिसंबर 2009 (20:08 IST)

महँगाई की मार, सरकार को इंतजार!

Inflation | महँगाई की मार, सरकार को इंतजार!
आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि को लेकर विपक्ष ने जहाँ मंगलवार को सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि महँगाई से आम आदमी के लिए गुजर-बसर मुश्किल हो गया है, वहीं सत्ता पक्ष ने कहा कि आने वाले समय में सरकारी प्रयासों के सकारात्मक नतीजे निकलेंगे।

राज्यसभा में आवश्यक वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि से उत्पन्न स्थिति पर अल्पकालिक चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा के कलराज मिश्र ने कहा कि सरकार के आश्वासनों के बावजूद मूल्यवृद्धि जारी है और लगता है कि महँगाई पर काबू पाना सरकार के बस में नहीं है। महँगाई के कारण आज निम्न वर्ग के साथ मध्यम वर्ग के लिए भी जीना मुश्किल हो गया है।

मिश्र ने वायदा कारोबार पर तत्काल रोक लगाने और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने की माँग करते हुए कहा कि केंद्र यह कहते हुए अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता कि राज्य सरकारों के सहयोग न करने की वजह से वह महँगाई को नियंत्रित नहीं कर पा रहा है।

कांग्रेस की जयंती नटराजन ने कहा कि वैश्विक मंदी के बावजूद देश की अर्थव्यवस्था के संकेत सकारात्मक रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश में इस साल चावल और गेहूँ की सर्वाधिक खरीद हुई है, जो क्रमश: 330 लाख टन और 220.7 लाख टन है।

जयंती ने कहा कि महँगाई पर काबू पाने के लिए राजकोषीय उपायों के तहत कई खाद्यान्नों का आयात शुल्क घटाकर शून्य कर दिया गया और चीनी का आयात किया गया। कुछ खाद्यान्नों के निर्यात तथा वायदा कारोबार पर रोक लगा दी गई है।

मार्क्‍सवादी श्यामल चक्रवर्ती ने कहा कि कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य इस प्रकार तय किया जाता है कि उत्पादन लागत की पूर्ति नहीं हो पाती और दूसरी ओर जमाखोर अधिक दाम देकर उत्पाद खरीद लेते हैं। उन्होंने कहा कि गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही 77 फीसदी आबादी के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना, अधिक सब्सिडी देना और कर रियायत देना जरूरी है।

सपा के ब्रजभूषण तिवारी ने कहा कि आय के असमान वितरण को देखते हुए महँगाई पर काबू पाना मुश्किल लगता है। उन्होंने कहा कि सरकार को मूल्य नीति बनानी चाहिए, संतुलित खेती पर जोर देना चाहिए और कृषि क्षेत्र में निवेश, खासकर निजी निवेश को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने स्वामीनाथन समिति की सिफारिशें लागू करने की भी माँग की।

बसपा के अवतार सिंह करीमपुरी ने कहा कि देश में नक्सलवाद सहित कई समस्याओं का कारण गरीबी है, जिसे दूर करने के लिए महँगाई पर काबू पाना होगा। उन्होंने सरकार से मूल्यवृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की माँग की। (भाषा)