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Written By WD

फैसले को चुनौती देगा मुस्लिम बोर्ड

अयोध्या पर पेश नहीं करेगा समझौते का फार्मूला

फैसले को चुनौती देगा मुस्लिम बोर्ड -
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की एक बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पेश किया गया कि बोर्ड अयोध्या मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच द्वारा दिए गए निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा। यह भी निर्णय लिया कि अयोध्या मामले में समझौते को लेकर बोर्ड की तरफ से कोई फार्मूला या प्रस्ताव पेश नहीं किया जाएगा, केवल दूसरी तरफ से यदि कोई प्रस्ताव आया तो उसको संविधान और शरियत की कसौटी पर कसकर उस पर विचार किया जाएगा।

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राजधानी लखनऊ स्थित दारूल उलूम नदवातुल उलेमा में शनिवार को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। बोर्ड के प्रेसिडेंट मौलाना सैयद मोहम्मद राबे हसनी नदवी ने वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की। बोर्ड की यह बैठक इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा पिछले दिनों अयोध्या स्थित मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर दिए गए निर्णय को लेकर आयोजित की गई थी।

बोर्ड के प्रेसिडेंट मौलाना नदवी ने बताया कि अयोध्या मामले को लेकर पिछले दिनों उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ द्वारा दिया गया निर्णय विसंगतिपूर्ण है। वर्किंग कमेटी के सभी सदस्यों का मानना था कि भारतीय मुसलमानों को दृष्टि में रखकर अयोध्या पर हुए निर्णय को उच्चतम अदालत मे चुनौती देना जरूरी है क्योंकि अयोध्या पर आया निर्णय संविधान की मूल भावना के विपरीत तथा साक्ष्यों से परे आस्था पर आधारित है। इसलिए बोर्ड ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अयोध्या मामले पर आये उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाए।

नदवी ने यह भी कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड अयोध्या मामले में किसी समझौते को लेकर कोई फार्मूला या प्रस्ताव पेश नही करेगा। वहीं दूसरी तरफ से यदि कोई समझौते का ठोस प्रस्ताव आएगा तो उस पर देश के संविधान और शरियत की कसौटी पर कसकर उस पर विचार किया जाएगा।

पिछले दिनों राजधानी लखनऊ में दिल्ली के शाही इमाम अहमद बुखारी द्वारा एक पत्रकार से की गई अभद्रता की नदवी ने निंदा की और कहा कि इससे हम आहत हैं। उन्होंने कहा कि शाही इमाम बोर्ड के सदस्य नहीं अतः उनके आचरण पर और चर्चा की आवश्यकता नहीं।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में नदवी ने कहा कि अयोध्या मामले में समझौते के लिए देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को दखल देने के लिए बोर्ड नहीं कहेगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला मान्य होगा। इस मौके पर ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के असिस्टेंट जनरल सेक्रेटरी एमए रहीम कुरैशी, एडवोकेट जफरयाब जिलानी सहित कई अन्य मुस्लिम नेता मौजूद थे।

जारी रहेंगी सुलह की कोशिशें : बोर्ड द्वारा फैसले को चुनौती देने के निर्णय से बेपरवाह 90 वर्षीय हाशिम अंसारी ने कहा कि वे बातचीत के जरिए मसले का हल निकालने की कोशिशें जारी रखेंगे। अंसारी ने कहा कि हालाँकि मैं मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के फैसले से बँधा हुआ हूँ, लेकिन मैं हार नहीं मानूँगा। (लखनऊ अरविन्द शुक्ला)