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Written By भाषा

चुनाव आयोग ने गोपीनाथ मुंडे को भेजा नोटिस

चुनाव आयोग ने गोपीनाथ मुंडे को भेजा नोटिस -
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नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने मुंडे से कहा कि वे अपने इस बयान पर 20 दिनों के भीतर जवाब दें कि उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनावों के प्रचार अभियान में आठ करोड़ रुपए खर्च किए।

चुनाव आयोग ने भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे को चुनाव में खर्च से जुड़े उनके एक बयान के लिए नोटिस जारी किया।

मुंडे ने चुनाव के दौरान बढ़ते खर्च पर दुख व्यक्त करते हुए कहा था, वर्ष 1980 में जब मैंने पहली बार चुनाव लड़ा था तो मैंने 29 हजार रुपए खर्च किया था। पिछले चुनाव (वर्ष 2009) में मेरे आठ करोड़ रुपए खर्च हुए।

अपने नोटिस में चुनाव आयोग ने कहा, आपके द्वारा लिखित में चूक का कारण बताया जाना चाहिए और आपका स्पष्टीकरण नोटिस मिलने के 20 दिन के अंदर आयोग के पास पहुंच जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि मुंडे ने वर्ष 2009 में जो चुनावी खर्च बताया है, वह मात्र 19,36,922 रुपए है।

सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने मुंडे के भाषण की सीडी ले ली है और नोटिस तैयार करने से पहले नकल तैयार कर ली है। इस मौके को भुनाते हुए कांग्रेस नेताओं ने मांग की है कि मुंडे को संसद से अयोग्य ठहराया जाए।

कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि मुंडे ने चुनाव कानून का उल्लंघन किया है और स्वयं इसे स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, चुनाव आयोग को समुचित कार्रवाई करना चाहिए। मुंबई उत्तर से कांग्रेस सांसद संजय निरूपम ने कहा कि चुनाव आयोग को मुंडे को अयोग्य ठहराने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।

इस मुद्दे पर भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई है और तर्क दिया कि मुंडे ने चुनावों के सरकारी वित्त पोषण का महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा, मुंडे ने चुनावों के सरकारी वित्त पोषण और साथ ही बढ़ते चुनावी खर्च का बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है। मैं समझता हूं कि एक महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दिया है। शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मुंडे का मतलब था कि लोगों ने उनके चुनाव प्रचार पर आठ करोड़ रुपए खर्च किया। (भाषा)