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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली , बुधवार, 27 फ़रवरी 2013 (15:07 IST)

किशोर न्याय कानून : आयु सीमा नहीं घटेगी

किशोर न्याय कानून : आयु सीमा नहीं घटेगी -
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नई दिल्ली। सरकार का किशोर न्याय कानून के तहत आरोपी की आयु सीमा 18 साल से घटाकर 16 साल करने का कोई विचार नहीं है।

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ ने बुधवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि पूरे देश में बाल अपराध दर दशमलव एक फीसदी है।

उन्होंने कहा कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं। जघन्य अपराध करने वाले बच्चों की संख्या नगण्य है और छोटे- मोटे अपराध करने पर उन्हें समझाना ज्यादा बेहतर होता है। तीरथ ने जयप्रकाश नारायण सिंह के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बच्चों को बेहतर नागरिक बनाने पर जोर दिया जाना चाहिए।

सिंह ने 16 दिसंबर की रात चलती बस में हुए सामूहिक बलात्कार की घटना में एक आरोपी के अवयस्क होने के संदर्भ में जानना चाहा था कि क्या सरकार किशोर न्याय कानून के तहत आरोपी की आयु सीमा 18 साल से घटाकर 16 साल करने पर विचार करेगी।

तीरथ ने कहा कि गृह मंत्रालय ने 4 जनवरी 2013 को राज्यों के मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों की एक बैठक आयोजित की थी जिसमें किशोरों की आयु घटाने का सुझाव दिया गया था, लेकिन सरकार ने यह सुझाव खारिज कर दिया।

तीरथ ने कहा कि न्यायमूर्ति जेएस वर्मा (सेवानिवृत्त) की अगुवाई में गठित आपराधिक कानून संशोधन समिति ने भी 23 जनवरी 2013 को पेश अपनी सिफारिशों में कानून का उल्लंघन करने वालों बच्चों के लिए किशोर न्याय कानून में आयु सीमा घटाने के सुझाव का समर्थन नहीं किया।

इस पर जयप्रकाश नारायण सिंह ने कहा कि उनका तात्पर्य बलात्कार एवं हत्या जैसे जघन्य अपराधों के आरोपी किशारों के लिए किशोर न्याय कानून में आयु सीमा घटाने से था। (भाषा)