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Written By वार्ता
Last Modified: भोपाल (वार्ता) , गुरुवार, 24 सितम्बर 2009 (14:03 IST)

मोमिना बनी प्रेरणास्रोत

मोमिना बनी प्रेरणास्रोत -
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में साक्षरता का अलख जगाने वाली 27 वर्षीय निशक्त युवती मोमिना गौरी ने हौसलों के परों से ऐसी उड़ान भरी की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने भी मुक्त कंठ से गौरी की सराहना की।

इतना ही नही मोमिना और उनके प्रयासों से साक्षर हुईं नजमा खाँ ने 22 सितम्बर को राष्ट्रपति के मुलाकात के बाद उनके साथ भोज भी किया। मोमिना को एक सम्मान पत्र और पाँच सौ रुपए की नकद राशि दे करके सम्मानित किया गया।

गौरतलब है कि मुरैना जिले के जींगनी गाँव निवासी मकसूद गौरी की 27 वर्षीय निशक्त पुत्री मोमिना गौरी ने पाँच साल पहले यह संकल्प लिया था कि वह इस क्षेत्र में प्रौढ़ महिला और पुरुषों को निरक्षर नहीं रहने देंगीं और उन्होंने प्रतिवर्ष 30 प्रौढ महिला और पुरुषों को चिन्हित कर पढ़ना-लिखना सिखाया।

एक सरकारी प्रवक्ता ने यहाँ बताया कि मोमिना के इन प्रयासों ने खूब असर दिखाया और पाँच वर्षों में वह सौ से अधिक प्रौढ़ महिलाओं और बुजुर्गों को साक्षर बना चुकी हैं। बीए अंतिम वर्ष में अध्ययनरत मोमिना गौरी के इस योगदान को देखते हुए राष्ट्रपति ने उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया था।