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Written By भाषा

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट दिसंबर में

भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट दिसंबर में -
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध पांच साल के अंतराल बाद फिर से शुरू होने जा रहे हैं। बीसीसीआई ने सोमवार को पाकिस्तानी टीम को दिसंबर में तीन मैचों की एकदिवसीय और दो टी-20 मैचों की श्रृंखला के लिए आमंत्रित करने का फैसला किया।

PTI
दोनों देशों के बीच क्रिकेट रिश्ते शुरू करने का फैसला बोर्ड की कार्यकारी समिति की आज यहां हुई बैठक में किया गया जिस पर पूर्व क्रिकेटरों और प्रशंसकों की मिश्रित प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

बीसीसीआई ने बैठक के बाद बयान में कहा, ‘पाकिस्तान के साथ क्रिकेट संबंध शुरू करने का फैसला किया गया है। हम पाकिस्तान क्रिकेट टीम को दिसंबर 2012.जनवरी 2013 में संक्षिप्त श्रृंखला के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। कार्यक्रम की रूपरेखा जल्द ही तय की जाएगी।’

एकदिवसीय मैच कोलकाता, चेन्नई और दिल्ली में आयोजित किए जाएंगे जबकि दो ट्वेंटी20 मैचों की मेजबानी बेंगलुरु और अहमदाबाद करेंगे। श्रृंखला दिसंबर-जनवरी में खेली जाएगी।

बीसीसीआई के सीनियर अधिकारी राजीव शुक्ला ने कहा बीसीसीआई की कार्यकारी समिति ने आज भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध शुरू करने का फैसला किया। उन्हें तीन वनडे और दो टी20 मैच खेलने के लिए दिसंबर के तीसरे हफ्ते में आमंत्रित किया जाएगा।

उन्होंने कहा बीसीसीआई अपने पक्ष पर अडिग था कि भारत और पाकिस्तान के बीच श्रृंखला किसी भी तटस्थ स्थल पर नहीं खेली जाएगी, इसलिए जब इंग्लैंड की टीम ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने के बाद स्वदेश लौटेगी, तब पाकिस्तान को 22 दिसंबर के बाद आमंत्रित करने का फैसला किया गया।

शुक्ला ने कहा हमारे पास श्रृंखला के लिए यही समय था, जहां हम इसे शामिल कर सकते थे। मैंने गृह मंत्री पी. चिदम्बरम से बात की और उन्होंने कहा कि मंत्रालय की ओर से कोई आपत्ति नहीं है। विदेश मंत्रालय भी इस दौरे के लिए सहमत हो गया है।

वर्ष 2008 मुंबई आतंकवादी हमले के बाद दोनों देशों के बीच क्रिकेट रिश्ते खत्म हो गए थे और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा हाल के महीनों में बीसीसीआई को मनाने के कई प्रयास किए जा चुके हैं क्योंकि दोनों देशों के बीच मैचों में काफी संख्या में दर्शक जुटते हैं, जिससे काफी अच्छा राजस्व मिलता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच पिछली द्विपक्षीय श्रृंखला नवंबर 2007 में खेली गई थी, जिसमें भारत ने पाकिस्तान को 3-2 से पराजित किया था।

शुक्ला ने कहा पीसीबी पिछले कुछ वर्षों से क्रिकेट संबंध शुरू करने के लिए काफी आग्रह कर रहा था और अगर आपको याद हो तो हम पाकिस्तान से 1971 और 1999 कारगिल युद्ध के बाद भी खेले थे। हमने पाकिस्तान में एक श्रृंखला खेली थी।

यह पूछने पर कि क्या इससे भारतीय टीम के लिए पाकिस्तान जाने का रास्ता भी खुल जाएगा तो शुक्ला ने कहा जब तक पाकिस्तान में सुरक्षा इंतजाम सही नहीं हो जाते, भारत का पाकिस्तान जाने का कोई सवाल ही नहीं उठता।

वर्ष 2009 में लाहौर में श्रीलंकाई क्रिकेटरों पर हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में कोई भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता नहीं खेली गई जिससे पीसीबी अंतरराष्ट्रीय अलगाव को समाप्त करने के लिए भारत की मेजबानी का इच्छुक था।

लेकिन बीसीसीआई सुरक्षा कारणों से इस विचार से सहमत नहीं था, पीसीबी हालांकि तटस्थ स्थल पर खेलने के लिए भी तैयार था। भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध शुरू होने की कवायद को तब बल मिला, जब दोनों देशों के विदेश सचिव ने जोर दिया कि दोनों देशों के बीच खेल रिश्ते मजबूत होने चाहिए।

संबंधों में कड़वाहट इससे पहले ही कम होनी शुरू हो गई थी, जब बीसीसीआई ने पाकिस्तान की घरेलू ट्वेंटी-20 चैम्पियन टीम सियालकोट स्टालियंस को इस साल के अंत में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहे चैम्पिंयस लीग ट्वेंटी-20 के क्वालीफाइंग टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।

पीसीबी प्रमुख जका अशरफ की हाल में भारत यात्रा के दौरान और पिछले महीने मलेशिया में आईसीसी तथा एशियाई क्रिकेट परिषद की बैठक में इस बारे में दोनों देशों के अधिकारियों के बीच चर्चा भी हुई थी।

यह प्रक्रिया पिछले साल दोनों देशों के बीच मोहाली में हुए विश्व कप सेमीफाइनल दौरान ही शुरू हो गई थी, जिसमें दोनों देशों के प्रधानमंत्री मौजूद थे और इस मौके पर एक दूसरे से मिले भी थे।

दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध शुरू करने के फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया आयी है। कुछ ने इस फैसले की तारीफ की है तो पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने पाकिस्तान के साथ संबंध शुरू करने की ‘जल्दबाजी’ पर सवाल उठाया है। (भाषा)