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Written By भाषा
Last Modified: नई दिल्ली (भाषा) , शुक्रवार, 8 मई 2009 (22:27 IST)

विमानन क्षेत्र की कानूनी अड़चनें दूर हों

Foreign companies be allowed to invest in indian aviation companies | विमानन क्षेत्र की कानूनी अड़चनें दूर हों
विमानन उद्योग पर गहरे संकट को देखते हुए विमानन विशेषज्ञों ने कानूनी अड़चनों को दूर करने और भारतीय विमानन कंपनियों में विदेशी विमानन कंपनियों को निवेश की अनुमति देने की वकालत की है।

इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के कंट्री निदेशक अमिताभ खोसला ने कहा मौजूदा कानूनों की वजह से विमानन उद्योग अंतरराष्ट्रीय पूँजी बाजार की पहुँच से दूर है। संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) में सेवाएँ दे चुके सनत कौल ने कहा कि भारत अमेरिकी विमानन एवं व्यवहार का पालन कर रहा है जो काफी प्रतिबंधात्मक है।

भारतीय विमानन में एफडीआई पर आयोजित एक सेमिनार में हिस्सा ले रहे उक्त दोनों विशेषज्ञों ने भारतीय विमानन कानून की तुलना अमेरिकी कानून से करते हुए कहा कि ये दोनों कानून 1944 के शिकागो सम्मेलन पर आधारित हैं जो सीमा पार विलय एवं अधिग्रहण की अनुमति नहीं देते।

कौल ने कहा कि अमेरिकी कानून में स्पष्ट है कि एक विमानन कंपनी में अमेरिकी नागरिकों की 71 फीसदी हिस्सेदारी आवश्यक है और उनके पास 51 फीसदी मताधिकार होना चाहिए।