कर्ज चुकाने के आसान तरीके
खरीदी ऑनलाइन हो या बाजार जाकर, युवाओं में क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर नई-नई वस्तुएं लेने का चलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इतना ही नहीं, वे जो काम नकद कर सकते हैं उसके लिए भी लोन का सहारा ले रहे हैं। '
आज नकद कल उधार' की धारणा के ठीक उलट लोगों ने उधारी को अपनी आदत बना लिया है। देश में उधार लेने का चलन जितनी तेजी से बढ़ा है उतनी जल्दी वे उधार चुका नहीं पा रहे हैं। आर्थिक मंदी ने ऋण समस्या को ओर बढ़ा दिया है। एक ओर कंपनियां अपने कर्मचारियों का वेतन बढ़ती महंगाई के अनुपात में नहीं बढ़ा पा रही है वहीं दूसरी और उनके पास मकान और कार खरीदने हेतु लिए गए लोन की ईएमआई चुकाने के लिए भी अब पर्याप्त पैसा नहीं है। थोड़ी-सी अस्थिरता उन्हें पर्सनल लोन लेने पर मजबूर कर देती है। कर्ज का बोझ बढ़ता ही जाता है और उसे समय पर न चुका पाने पर वित्त कंपनियां हर साल हजारों लोगों को डिफाल्टर घोषित कर ब्लैक लिस्ट कर देती है। ऋण समस्या की शुरुआत उस समय उत्पन्न होती है जब बेहतर जीवन जीने के लिए आप बगैर सोचे-समझे बैंकों से अनसिक्योर्ड ले लेते हैं। घर का सपना पाले लोग भी मनपसंद आशियाना मिलते ही सिक्योर्ड लोन लेते हैं। कई बार तो लोगों को यह भी पता नहीं होता कि जो पैसा वे उधार ले रहे हैं उसे चुकाएंगे कैसे? जब वे डिफाल्टर होने के करीब होते हैं और घर पर तगादे के लिए लेटर आते हैं तो गलती का अहसास होता है। समस्या उस समय और विकट हो जाती है जब कोई व्यक्ति सिक्योर्ड लोन की किस्ते नहीं चुका पाता। इस स्थिति में उसके समक्ष अपनी संपत्ति छिन जाने का खतरा उत्पन्न हो जाता है। संपत्ति बचाने के लिए आमतौर पर पर्सनल लोन ले लिया जाता है, जिस पर सिक्योर्ड लोन की अपेक्षा कहीं ज्यादा ब्याज देना होता है।
लोगों को इस स्थिति से उबारने के लिए बैंक डेब्ट कंसोलिडेशन की सुविधा देते हैं। यह कर्ज में डूबे लोगों को भले ही इससे मुक्ति नहीं दिलाता है पर न चुकाए गए लोन और क्रेडिट कार्ड के भुगतान में सहूलियत जरूर प्रदान करता है। सभी लोनों के एकीकरण से कर्जदाता को कर्ज चुकाने का नया रास्ता मिल जाता है। यदि आपने होम लोन लिया है और उसकी ईएमआई समय पर नहीं चुका पा रहे हैं और बाद में उसे चुकाने के लिए पर्सनल लोन भी ले लिया है तथा क्रेडिट कार्ड का भुगतान भी करना है तो डेब्ट कंसोलिडेशन की मदद से इन सभी लोनों का एकीकरण कर सकते हैं। इसके लिए आपकों कंसोलिडेशन देने वाले किसी एक बैंक की मदद लेनी होगी। अब अलग-अलग ईएमआई की तारीख याद रखने की जरूरत नहीं है, यह बैंक आपके सारे दायित्व खुद पर ले लेगा और आप एक ईएमआई भरकर भी अलग अलग ईएमआई की तारिख याद रखने के झंझट से मुक्ति पा सकते हैं। इससे संपत्ति की नीलामी का खतरा भी कुछ समय के लिए टल जाता है और एक ईएमआई होने से उसका भुगतान भी कई ईएमआई की अपेक्षा अधिक सुविधाजनक तरह से किया जा सकता है। डेब्ट कंसोलिडेशन का फायदा हर वह व्यक्ति उठा सकता है जिसने कई बैंकों से उधार ले रखा हो। इसमें अगर कुछ पैसा क्रेडिट कार्ड का हो तो यह सुविधा जल्दी मिलती है। इससे आपके जीवन में न सिर्फ तनाव कम होता है बल्कि आप उधार पर लगने वाले ब्याज को कम कर पैसा भी बचा सकते हैं और उधार को चुकाने के लिए ज्यादा समय लेकर पैसे की व्यवस्था भी आसानी से कर सकते हैं। सिक्योर्ड लोन लेने के बाद उसे न चुकाने पर जहां प्रॉपर्टी गंवानी पड़ सकती है वहीं अनसिक्योर्ड लोन न चुकाने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करने के साथ ही डिफाल्टर का धब्बा भी लग सकता है। डिफाल्टर घोषित होने के बाद आपको कई सालों तक कोई भी नया लोन नहीं मिलता है और बाद में क्रेडिट हिस्ट्री और भुगतान रिकॉर्ड साफ होने की दशा में लोन प्राप्त होता है।कर्ज आपकी सुविधा के लिए होता है उसे जरूरत पड़ने पर ही लिया जाना चाहिए। अगर कर्ज लिया है तो उसे चुकाना तो पड़ेगा। अगर आप पर भारी कर्ज है और आप उसे लेकर परेशान हैं तो डिफाल्टर कंसोलिडेशन आपके लिए ही है।