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भारत माँ
शिवानी ठाकुरदेवभूमि भारत माता पर, हम सबको अभिमान है।पावन कण-कण यहाँ अनोखा, दर्शन यहाँ महान है। छोटे-बड़े प्रदेश यहाँ पर, संस्कृति सबकी एक है। भोजन, भाषा, वेश भिन्न पर आत्मा सबकी एक है।विन्ध्य हिमालय अरावली और मलय, नीलगिरि पर्वत हैं। गंगा, यमुना, सिंधु, नर्मदा नदियाँ इसी धरा पर हैं। बारह ज्योतिर्लिंग यहाँ पर, शंकर चारों धाम हैं। शिव, प्रताप, कान्हा की धरती, घर-घर में श्रीराम हैं।जग सिरमौर बने फिर भारत हम सबका अरमान है।देवभूमि भारत माता पर हम सबको अभिमान है।