मंगलवार, 23 अप्रैल 2024
Choose your language
हिन्दी
English
தமிழ்
मराठी
తెలుగు
മലയാളം
ಕನ್ನಡ
ગુજરાતી
Follow us
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
काम की बात
ऑटो मोबाइल
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
क्रिकेट
व्यापार
मोबाइल मेनिया
हनुमान जयंती
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
श्रीरामचरितमानस
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
लोकसभा चुनाव इतिहास
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
अन्य खेल
स्कोरकार्ड
शेड्यूल
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
वेब स्टोरी
मूवी रिव्यू
आलेख
खुल जा सिम सिम
आने वाली फिल्म
बॉलीवुड फोकस
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
राशियां
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
पत्रिका मिलान
जन्मकुंडली
रामशलाका
चौघड़िया
आलेख
नवग्रह
रत्न विज्ञान
श्रीरामचरितमानस
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
रेसिपी
नन्ही दुनिया
साहित्य
रोमांस
धर्म संग्रह
समाचार
मुख्य ख़बरें
राष्ट्रीय
अंतरराष्ट्रीय
प्रादेशिक
मध्यप्रदेश
काम की बात
ऑटो मोबाइल
उत्तर प्रदेश
क्राइम
फैक्ट चेक
क्रिकेट
व्यापार
मोबाइल मेनिया
हनुमान जयंती
एकादशी
श्री कृष्णा
रामायण
महाभारत
व्रत-त्योहार
धर्म-दर्शन
श्रीरामचरितमानस
लोकसभा चुनाव
समाचार
स्पेशल स्टोरीज
रोचक तथ्य
लोकसभा चुनाव इतिहास
चर्चित लोकसभा क्षेत्र
भारत के प्रधानमंत्री
IPL 2024
IPL टीम प्रीव्यू
अन्य खेल
स्कोरकार्ड
शेड्यूल
बॉलीवुड
बॉलीवुड न्यूज़
वेब स्टोरी
मूवी रिव्यू
आलेख
खुल जा सिम सिम
आने वाली फिल्म
बॉलीवुड फोकस
सलमान खान
सनी लियोन
टीवी
मुलाकात
ज्योतिष
दैनिक राशिफल
आज का जन्मदिन
आज का मुहूर्त
राशियां
लाल किताब
वास्तु-फेंगशुई
टैरो भविष्यवाणी
पत्रिका मिलान
जन्मकुंडली
रामशलाका
चौघड़िया
आलेख
नवग्रह
रत्न विज्ञान
श्रीरामचरितमानस
लाइफ स्टाइल
वीमेन कॉर्नर
सेहत
योग
NRI
रेसिपी
नन्ही दुनिया
साहित्य
रोमांस
×
Close
धर्म-संसार
»
धर्म-दर्शन
»
जैन धर्म
Written By
WD
शरीर रक्षा करने हेतु
हेतु- शरीर रक्षा में सहायक होता है।
त्वामामनन्ति मुनयः परमं पुमांसमादित्य-वर्णममलं तमसः पुरस्तात् ।
त्वामेव सम्यगुपलभ्य जयन्ति मृत्युं नान्यः शिवः शिवपदस्य मुनीन्द्र पन्थाः ॥ (23)
मुनिजन आपको अँधेरे में सूरज के समान निष्कलंक परम पुरुष मानते हैं... सही रूप में/सच्चे स्वरूप में आपको पाकर ही मृत्युंजय हुआ जा सकता है... इसके अलावा अन्य कोई चारा नहीं है और न ही कोई अन्य मुक्ति-मंजिल की राह है।
ऋद्धि- ॐ ह्रीं अर्हं णमो आसीविसाणं ।
मंत्र- ॐ नमो भगवति जयवति मम समीहितार्थं मोक्षसौख्यं कुरु कुरु स्वाहा।
हमारे साथ WhatsApp पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
हमारे साथ Telegram पर जुड़ने के लिए यहां क्लिक करें
वेबदुनिया पर पढ़ें :
समाचार
बॉलीवुड
ज्योतिष
लाइफ स्टाइल
धर्म-संसार
महाभारत के किस्से
रामायण की कहानियां
रोचक और रोमांचक
ज़रूर पढ़ें
Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी के इन खास 5 मंत्रों से शनि, राहु और केतु की बाधा से मिलेगी मुक्ति
मंगलवार और हनुमान जयंती पर हम हनुमानजी की पूजा और आरती करते हैं। यदि आप शनि, राहु और केतु की बाधा से परेशान हैं तो 23 अप्रैल को हनुमान जयंती का पावन पर्व मनाया जाएगा। इस दिन निम्नलिखित मंत्रों के प्रयोग से कष्ट दूर कर हनुमानजी की कृपा प्राप्त की जा सकती है। इस दिन किसी भी हनुमान मंदिर में यथासंभव पूजन करें तथा नैवेद्य लगाएं। घर पर हनुमानजी का कोई भी चित्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करें। पूजन में चंदन, सिन्दूर, अक्षत, कनेर, गुड़हल या गुलाब के पुष्प प्रयोग करें। नैवेद्य में मालपुआ, बेसन के लड्डू आदि लें तब आरती कर संकल्प लेकर अपनी समस्या के अनुसार मंत्र जप करें।
Hanuman Jayanti 2024: हनुमानजी सशरीर हैं तो वे अभी कहां हैं?
Where is Hanuman ji now: हनुमाजी को अजर अमर होने के वरदान मिला है। वे एक कल्प तक धरती पर ही रहेंगे। इसी लिए कहते हैं कि चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥ लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि वे सशरीर हैं तो इस वक्त कहां रहते हैं। क्या कहते हैं पुराण और अन्य तथ्य।
Hanuman jayanti : हनुमान जयंती पर इन 4 राशियों पर रहेगी अंजनी पुत्र की विशेष कृपा, व्यापार और नौकरी में होगी तरक्की
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन मेष राशि में गुरुवादित्य योग के साथ ही मीन में त्रिग्रही योग भी बन रहा है। मंगल शनि की युति भी है। कुंभ राशि में शनि का शश राजयोग बन रहा है। चित्र नक्षत्र में वज्र योग का भी योग संयोग बन रहा है। ऐसे में 4 राशियों पर रहेगी हनुमान जी की विशेष कृपा।
Atigand Yog अतिगंड योग क्या होता है, बेहद अशुभ और कष्टदायक परन्तु इन जातकों की बदल देता है किस्मत
Atigand Yog: मूलत: अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल व खेती ये छः नक्षत्र गण्डमूल कहे जाते हैं। तिथि लग्न व नक्षत्र का कुछ भाग गण्डान्त कहलाता है। अतिगण्ड योग वैदिक ज्योतिष के 27 योगों में से छठा योग है। इसे बहुत ही अशुभ योग माना जाता है। इस योग में जन्म लेने वाला जातक या तो टॉप पर रहता है या फिर एकदम बर्बाद जीवन होता है।
Shukra Gochar : प्रेम का ग्रह शुक्र करेगा मंगल की राशि मेष में प्रवेश, 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएगा रोमांस
Shukra ka Gochar: शुक्र ग्रह 24 अप्रैल 2024 की रात्रि 23:44 बजे मंगल की मेष राशि में प्रवेश कर जाएंगे। इसके बाद 28 अप्रैल 2024 की सुबह 07 बजकर 27 मिनट पर मेष राशि में अस्त हो जाएंगे। शुक्र ग्रह के मंगल की राशि में गोचर से 4 राशियों के जीवन में बढ़ जाएगा रोमांस। जानें नहीं आपकी राशि तो नहीं है इसमें शामिल।
वीडियो
और भी वीडियो देखें
धर्म संसार
Hanuman Janmotsav 2024 : हनुमान जयंती के विशेष मंत्र, करेंगे हर कार्य सिद्ध
Hanuman Janmotsav: हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार श्री हनुमान जी कलयुग के शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। उनके नाम स्मरण मात्र से ही वे अपनी कृपा भक्तों पर बरसाते हैं। प्रतिवर्ष के अनुसार ही चैत्र पूर्णिमा के दिन यानी आज हनुमान जयंती या हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जाता है...
विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र | Vibhishan Krit Hanuman Stotra
Vibhishan dwara rachit hanuman stotra: यह स्तोत्र रावण के भाई विभीषण ने गाया था। इसका उल्लेख श्री सुदशरण संहिता में मिलता है। विभीषण कृत हनुमान स्तोत्र भगवान हनुमान को प्रसन्न करने और उनके दर्शन करने का एक शक्तिशाली मंत्र है। 41 दिनों तक स्तोत्र का अखंड जाप करने से सभी रोग, भय, बाधा और सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती है।
श्री विचित्रवीर हनुमान मारुति स्तोत्रम्
om namo bhagwate vichitra veer hanuman stotra: 17वीं सदी के महान संत समर्थ रामदास स्वामी ने मारुति स्तोत्र की रचना की है। यहां, समर्थ रामदास स्वामी मारुति (हनुमान) का वर्णन करते हैं और मारुति स्तोत्र के विभिन्न छंदों में उनकी स्तुति करते हैं। पहले 13 श्लोक मारुति का वर्णन करते हैं, और बाद के 4 फलश्रुति (या इस स्तोत्र का पाठ करने से क्या गुण/लाभ प्राप्त होते हैं) हैं। जो कोई भी मारुति स्तोत्र का पाठ करता है, श्री हनुमान के आशीर्वाद से उसकी सभी परेशानियां, कठिनाइयां और चिंताएं दूर हो जाती हैं। वे अपने सभी शत्रुओं और सभी बुरी चीजों से परेशानी मुक्त हो जाते हैं। इसमें कहा गया है कि स्तोत्र का 1100 बार पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Maruti stotra: समर्थ रामदास कृत मारुती स्तोत्र : भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती
Bheema roopi maharudra vajra hanuman maruti: हनुमानजी पर कई स्त्रोत और अष्टकों की रचना की गई है। इन्हीं में से एक है भीमरूपी महारुद्रा, वज्र हनुमान मारुती मारुती स्तोत्र। इस स्त्रोत की रचना 17वीं शताब्दी समर्थ गुरु रामदासजी ने की थी। वे हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे। उन्होंने ही देशभर में कई अखाड़ों की स्थापना की थी। वे छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे।
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर पढ़ें 10 में से कोई एक पाठ, बजरंगबली होंगे प्रसन्न
Hanuman Jayanti 2024: चैत्र मास पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। 23 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन हनुमान जयंती मनाई जा रही है। इस दिन अधिकतर लोग हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं परंतु इसके अलावा भी हनुमानजी के कई महत्वपूर्ण पाठ हैं जिन्हें भी पढ़ना चाहिए। यहां उन पाठों की एक लिस्ट प्रस्तुत है।