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Written By WD
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 1 मई 2008 (00:06 IST)

आईटी बाजार 50 अरब डॉलर होने की आशा

आईटी और आईटीईएस बाजार 2012 तक 132 अरब डॉलर का होगा

आईटी बाजार 50 अरब डॉलर होने की आशा -
भारतीय घरेलू आईटी और आईटीईएस बाजार वर्ष 2007 के 90,014 करोड़ रुपए के मुकाबले 2012 में 200,000 करोड़ रुपए (50 अरब डॉलर) को पार कर जाएगा। इस तरह यह क्षेत्र पाँच साल की अवधि में साल-दर-साल औसतन 18.4% की दर से बढ़ेगा।

आईटी और आईटीईएस के 3,20,278 करोड़ रुपए के निर्यात को जोड़कर आईटी और आईटीईएस उद्योग का कुल आकार 2012 तक 5,29,976 करोड़ रुपए (132 अरब डॉलर) तक पहुँच जाएगा। इसमें साल-दर-साल औसतन 16.5% की दर से बढ़ोतरी होगी। आईसीटी क्षेत्र के लिए दिल्ली में आयोजित अपने 21वें वार्षिक सम्मेलन डायरेक्शंस 09 में आईडीसी इंडिया ने ये अनुमान सामने रखे।

आईटी और आईटीईएस के घरेलू और निर्यात बाजार के 2008-2012 के अनुमानों को पेश करते हुए आईडीसी के इंडिया कंट्री मैनेजर कपिल देव सिंह ने कहा कि घरेलू आईटी और आईटीईएस उद्योग ने पिछले पाँच सालों (2003-2007) में तेज बढ़ोतरी हासिल की है और उम्मीद है कि 2008-2012 के दौरान भी इसके बढ़ने की सालाना औसत दर (सीएजीआर) 18.4% रहेगी।

उन्होंने आगे कहा कि हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह उद्योग उभरते घरेलू ग्राहकों को, जिन्हें हम उपभोक्ता 2.0 कह रहे हैं, अभिनव सेवाएँ उपलब्ध कराकर इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा।

आईटी बाजार 22.4% की दर से बढ़ा : वर्ष 2007 में भारतीय आईटी और आईटीईएस उद्योग 2,46,609 करोड़ रुपए पर पहुँचा, जो वर्ष 2006 के 2,46,609 करोड़ रुपए की तुलना में 22.4% ज्यादा है। पूरे उद्योग के 2,46,609 करोड़ रुपए के कारोबार में घरेलू आईटी और आईटीईएस बाजार का योगदान 90,014 करोड़ रुपए का रहा, जबकि बाकी 1,56,594 करोड़ रुपए का योगदान आईटी और आईटीईएस निर्यात का रहा। वर्ष 2007 में आईटी सेवाओं (आईटीईएस छोड़कर) का निर्यात 97,492 करोड़ रुपए रहा और एक बार फिर यह सबसे बड़ा हिस्सा बना रहा।

आईडीसी को उम्मीद है कि वर्ष 2008 में आईटी और आईटीईएस उद्योग 20% की दर से बढ़ेगा। घरेलू बाजार के बढ़ने की दर 22.4% रहेगी, जबकि आईटी और आईटीईएस निर्यात में 18.9% की बढ़ोतरी होगी। पूरे उद्योग का कारोबार 2012 के अंत तक 5,29,976 करोड़ रुपए पर पहुँचने का अनुमान है, जिसमें घरेलू आईटी और आईटीईएस बाजार की हिस्सेदारी मौजूदा 37% से बढ़कर 40% हो जाएगी।

आईटी और आईटीईएस निर्यात वर्ष 2007 के 1,56,594 करोड़ रुपए की तुलना में 2012 तक दोगुने से भी अधिक 3,20,278 करोड़ रुपए पर पहुँचेगा। अनुमान है कि वर्ष 2008 में यह 20.4% बढ़कर 1,86,142 करोड़ रुपए का स्तर छू लेगा।

पैकेज्ड सॉफ्टवेयर और सेवाओं का भारतीय बाजार हार्डवेयर बाजार की तुलना में ज्यादा तेजी से बढ़ा है और यह रुझान अगले पाँच सालों के दौरान भी बने रहने की संभावना है। पैकेज्ड सॉफ्टवेयर और सेवाओं का कारोबार 2007 के 29,104 करोड़ रुपए से बढ़कर 2012 में 73,101 करोड़ रुपए का होने की उम्मीद है। वहीं हार्डवेयर क्षेत्र 2007 से 2012 के दौरान 48,940 करोड़ रुपए से बढ़कर 96,558 करोड़ रुपए का हो जाने का अनुमान है।

अगले पाँच सालों के दौरान जहाँ कुल आईटी और आईटीईएस उद्योग के बढ़ने की सालाना औसत दर (सीएजीआर) 16.5% रहने का अनुमान है, वहीं इसके अलग-अलग हिस्सों में सबसे तेज 27.3% की सालाना औसत बढ़त घरेलू आईटीईएस बाजार की रहेगी। यह इस दौरान वर्ष 2007 के 11,970 करोड़ रुपए की तुलना में 2012 तक तीन गुना से भी ज्यादा होकर 40,039 करोड़ रुपए पर पहुँच जाएगा। आईटी सेवाओं का निर्यात बढ़ने की सालाना औसत दर 13.8% के निचले स्तर पर रहने की संभावना है।

इंटरप्राइज 2.0 से मिलेगी बढ़ने की शक्ति : आईटी क्षेत्र की प्रमुख सलाहकार कंपनी आईडीसी इंडिया का मानना है कि इंटरप्राइज 2.0 उद्यमों का ऐसा नया अवतार है जो ज्यादा खुला हो और जो नई तकनीकों और कारोबारी व्यवहारों को अपनाने के लिए तैयार हो। इंटरप्राइज 2.0 का एक लक्षण यह भी है कि वह अपने ग्राहकों और कारोबारी साझेदारों के बीच निरंतर संपर्क बनाए रखे। इसका स्पष्ट मतलब यह है कि एक नई व्यवस्था सामने आ रही है, जिसमें सूचना की शक्ति केंद्रीय सत्ता से हटकर फैल रहे उद्यम के अलग-अलग हिस्सों तक जाए।