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Written By भाषा
Last Modified: वाशिंगटन (भाषा) , शुक्रवार, 8 मई 2009 (17:41 IST)

वैज्ञानिकों ने कृत्रिम डिम्बाशय बनाया

Scientist grow artificial ovary that 'matures human eggs' | वैज्ञानिकों ने कृत्रिम डिम्बाशय बनाया
वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में डिम्ब ऊतकों की मदद से एक मानवीय डिम्बाशय को विकसित किया है जो अविकसित मानव डिम्ब को परिपक्व डिम्ब में तब्दील कर सकता है।

वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे कैंसर रोगी महिलाओं के गर्भ धारण करने की संभावना बढ़ जाएगी।

कृत्रिम डिम्बाशय के निर्माण के लिए रोड द्वीप के विमेन एंड इन्फैंट्स अस्पताल के एक दल ने डिम्बाशय की बाहरी परत में पाए जाने वाली थीका कोशिकाओं से ईस्ट्रोजन हारमोन की प्रारंभिक अवस्था का उत्पादन किया।

वैज्ञानिकों ने ऐसी कम उम्र महिलाओं के डिम्बाशय की कोशिकाएँ हासिल की जिन्हें किसी अन्य कारण के चलते निकाल दिया गया था। मधुमक्खी के छत्ते के आकार वाले एक जैल में थीका कोशिकाओं को रखा गया। कुछ ही समय में इनमें इस कदर वृद्धि हो गयी कि यह दो मिलीमीटर तक बड़ा हो गया।

इसके बाद वैज्ञानिकों ने प्रयोगशाला में डिम्ब और शुक्राणु का निषेचन करवाने वाली महिला के डिम्ब के चारों ओर पाए जाने वाले द्रव्य से ग्रेन्यूलोजा कोशिकाओं को अलग किया। यह कोशिकाएँ डिम्ब में वृद्धि करने के लिए आवश्यक हारमोन ईस्ट्राडियोल का उत्पादन करती हैं। वैज्ञानिकों ने इसे गोल आकार में ढाल कर मधुमक्खी की छत्तेनुमा संरचना में डाल दिया।

वैज्ञानिकों ने अब डिम्बाशय से सप्ताह भर में बाहर निकलने के लिए तैयार एक डिम्ब को लिया और इसे डिम्ब की वृद्धि करने वाले हारमोन के साथ इस संरचना में रख दिया।

72 घंटे बीतने के बाद डिम्ब इस कदर विकसित हो चुका था कि अब इसे निषेचित किया जा सकता था। इस स्थिति में आकर इस डिम्ब में ध्रुवीय अंग भी बन गया जो केवल तभी बनता है जब डिम्ब पूर्णत: विकसित हो जाता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार अगला चरण यह देखना होगा कि क्या इस डिम्बाशय में एकदम छोटी कोशिकाएँ भी विकसित हो सकती हैं। इन कोशिकाओं को प्राइमोर्डियल कोशिका कहा जाता है। महिलाओं के शरीर में इनकी हजारों की संख्या होती है। प्रमुख वैज्ञानिक सांड्रा कारसन ने कहा हमें उम्मीद है कि हम अत्यंत अवयस्क कोशिकाओं को परिपक्व बनाने में सक्षम होंगे।

सह वैज्ञानिक स्टीफन क्रोट्ज ने कहा कि कोशिकाओं को परिपक्व बनाने का काम 10 दिनों में हो जाएगा जबकि स्त्री शरीर में इसे विकसित होने में 280 दिन का समय लगता है। ऐसा लगता है कि डिम्ब मानव शरीर के बाहर ज्यादा तेज विकसित होते हैं क्योंकि कृत्रिम डिम्बाशय में वे तत्व नहीं होते जिनके कारण यह प्रक्रिया अवरुद्ध होती है।