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Written By WD

महान योद्धा थे जनरल जोरावर सिंह

Joravar singh warrior kids world | महान योद्धा थे जनरल जोरावर सिंह
जनरल जोरावर सिंह कुशल प्रशासक, इंतजामी, साहसी युद्ध कौशल में निपुण और महान योद्धा थे। ये महाराजा गुलाब सिंह की सेना में बतौर सिपाही भर्ती होकर जनरल पद तक पहुँचे। उनके जन्म दिवस पर जम्मू एण्ड कश्मीर राइफल्स रेजीमेंट सेंटर में आयोजित सैनिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उक्त बात ब्रिगेडियर सीएम रोड्रिक ने कही।

उन्होंने बताया कि 224 वर्ष पूर्व 13 अप्रैल 1786 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले स्थित कहलूर नामक गाँव में जन्मे जोरावर सिंह के व्यक्तित्व तथा कार्य कुशलता से प्रभावित होकर महाराजा गुलाब सिंह ने उन्हें किस्तवाड्‍का गवर्नर नियुक्त कर वजीर की पदवी प्रदान की। वजीर बनने के बाद जनरल जोरावर सिंह ने अपना पूरा ध्यान सेना के प्रशिक्षण पर केन्द्रित किया। उन्होंने अपने जैक स्टेट फोर्सेज का नेतृत्व करते हुए कई महत्वपूर्ण युद्धों में अपनी सेना को विजय दिलाई।

लद्दाख पर आक्रमण- 1834 में जोरावर सिंह ने लद्दाख पर आक्रमण कर दिया। 11000 फुट की ऊँचाई पर भेड़ की खाल पहनकर जबर्दस्त लड़ाई लड़ी। कड़े संघर्ष के बाद जनरल जोरावर सिंह की सेना ने दुश्मन की सेना को मार भगाया। जनरल जोरावर सिंह ने बाल्टिस्तान युद्ध, तिब्बत पर आक्रमण में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तिब्बत आक्रमण में विजय अभियान को आगे बढ़ाते हुए जनरल जोरावर सिंह ने 12 दिसंबर 1841 को तोया युद्ध में अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए रणक्षेत्र में वीरगति प्राप्त की। अदम्य बहादुरी के कारण ही इन्हें भारत का लिटल नेपोलियन भी कहा जाता है।

जनरल जोरावर सिंह के जीवन वृतांत पर चर्चा करते हुए ब्रिगेडियर सीएम रोड्रिक ने सैनिकों का आह्वान किया कि हर आने वाली कठिनाइयों का दृढ़तापूर्वक मुकाबला कर उन्हें लक्ष्य समझकर पूरा करें।