मैंने फिर भी नहीं बताया
फाल्गुनी
बादल ने पूछा आसमान परेशान हुआ, चाँद ने समझाया रूनझुन बूँदों ने सहलाया, छन-छन बयार ने गुदगुदाया रातरानी ने महकाया, सबने जी बहलाया.... मगर मैंने फिर भी नहीं बताया कि तुमने मुझे रुलाया...! बादल करता रहा चिरौरी आसमान देखता रहा आँखों की भीगी बरौनी चाँद देता रहा सितारों के खिलौने बूँदों ने भी खूब बजाए झुनझुने महकती हवाओं ने देर तक मनाया रातरानी ने खुशबू का आँचल फैलाया, सबने देर तक सताया... मगर मैंने फिर भी नहीं बताया कि तुमने मुझे रुलाया...!