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Written By WD

मोदी को हराने के लिए 'कट्‍टर दुश्मन' एकजुट

मोदी को हराने के लिए ''कट्‍टर दुश्मन'' एकजुट -
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वाराणसी। उत्तरप्रदेश के कुख्यात बाहुबली मुख्तार अंसारी की ओर से एलान कर दिया गया है कि वे कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय का समर्थन करते हैं। इस आशय की घोषणा मुख्तार अंसारी के भाई अफजल अंसारी ने वाराणसी में दी थी। इस मामले में एक प्रमुख तथ्य यह है कि अजय राय और मुख्तार अंसारी पुराने दुश्मन हैं, लेकिन एक राजनीतिक उद्देश्य के लिए एक हो गए हैं।

अजय राय और मुख्तार अंसारी के बीच बहुत पुरानी दुश्मनी है। वर्षों पहले 1994 में अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और कहा जाता है कि यह हत्या मुख्तार अंसारी और उनके सहयोगियों ने की थी।

अजय राय के एक रिश्तेदार और भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी मुख्तार अंसारी का हाथ बताया जाता है और वे इसी मामले में जेल में बंद हैं। अजय के बड़े भाई और कृष्णानंद राय की हत्या के बाद से राय और मुख्तार अंसारी के गुटों के बीच दुश्मनी चलती रही है, लेकिन इस चुनाव ने इस दुश्मनी को भी दोस्ती में बदल दिया है।

क्या है वोटों का गणित... पढ़ें अगले पेज पर...


इन दोनों के बीच राजनीतिक दुश्मनी भी है। वर्ष 2009 में अजय राय बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का दिकट चाहते थे, लेकिन उन्हें बहनजी ने पार्टी का टिकट नहीं दिया था और इस कारण से अजय राय को समाजवादी पार्टी के ‍टिकट पर चुनाव लड़ना पड़ा था। इस चुनाव में वे अजय राय तीसरे नंबर पर रहे थे और मुख्तार अंसारी दूसरे स्थान पर आए थे। उन्हें भाजपा के मुरली मनोहर जोशी ने मात्र 17 हजार के अंतर से हराया था।

वाराणसी में मुस्लिम वोटों की संख्या तीन लाख बताई जाती है। अजय राय के भूमिहार समर्थकों की संख्या करीब एक लाख है। अगर उन्हें ओबीसी (दो लाख मतों) के साथ मुस्लिम वोट मिल जाते हैं तो वे परंपरागत कांग्रेस के मतदाताओं की मदद से मोदी के लिए कड़ी चुनौती खड़ी कर सकते हैं।