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Written By BBC Hindi

सैटेलाइट ने ढूंढे 17 और पिरामिड

satellite found pyramid | सैटेलाइट ने ढूंढे 17 और पिरामिड
BBC
सैटेलाइट के जरिए किए गए एक नए सर्वेक्षण से लुप्त हो चुके 17 पिरामिडों और एक हजार से अधिक ऐसे मकबरों का पता चला है जिसकी अब तक खुदाई नहीं की गई है। ये सर्वेक्षण नासा के सहयोग से एक अमेरिकी प्रयोगशाला की ओर से किया गया है।

इसमें उच्च स्तरीय इंफ्रा-रेड तकनीक का उपयोग किया गया जिससे भूमिगत वस्तुओं की तस्वीरें हासिल की जा सकती हैं।

मिस्र के अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक के उपयोग से प्राचीन स्मारकों को बचाने में सहायता मिलेगी क्योंकि इसके जरिए ये पता लगाया जा सकता है कि उनकी खुदाई करके वहां लूट तो नहीं हो गई है।

सर्वेक्षण : अलाबामा यूनिवर्सिटी की एक टीम ने सैटेलाइट से लिए गए उन तस्वीरों का अध्ययन किया जो इंफ्रा-रेड कैमरों की मदद से खींची गई थीं। इससे जमीन के भीतर मौजूद चीजों का पता लगाया जा सकता है।

शोध कर रही टीम ने जिस सैटेलाइट का उपयोग किया वह पृथ्वी की सतह से 700 किलोमीटर ऊपर परिक्रमा कर रहा है, लेकिन इसके कैमरे इतने शक्तिशाली हैं कि वे पृथ्वी की सतह पर एक मीटर के व्यास में मौजूद चीजों की तस्वीरें ले सकते हैं।

सैटेलाइट पुरातत्वविदों ने मिट्टी से बने कई इमारतों का पता लगाया है जिनमें पिरामिड के अलावा कुछ मिस्र के पुराने मकान हैं, धर्म स्थल हैं और मकबरे हैं।

उनका कहना है कि आसपास की मिट्टी से ज्यादा घनत्व वाले ढांचों के आधार पर इनकी पहचान की गई है। अब तक एक हजार से ज्यादा मकबरे और तीन हजार पुरानी इमारतों का अब तक पता लगाया जा चुका है।

उत्साह : आरंभिक खुदाई से इस शोध में मिली कुछ जानकारियों की पुष्टि भी हो गई है। जिसमें सक्कारा में जमीन में दबे गए दो पिरामिड शामिल हैं।

जब शोध कर रहा दल वहां पहुँचा था तो कम ही लोगों को भरोसा था कि वहां कुछ मिलेगा, लेकिन खुदाई शुरू हुई तो इन पिरामिडों का पता चला। अब संभावना व्यक्त की जा रही है कि ये मिस्र के सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्मारकों में से एक साबित हो सकते हैं।

डॉ. सारा पारकैक बरमिंघम और अलाबामा स्थित प्रयोगशालाओं में नासा के सहयोग से इस परियोजना पर काम कर रही हैं। उन्होंने सैटेलाइट से मिली तस्वीरों की मदद से पुरातात्विक सर्वेक्षण के काम की शुरुआत की है।

वे कहती हैं, 'हम एक साल से भी अधिक समय से शोधकार्य में लगे हुए थे। मैं सैटेलाइट से मिल रही जानकारियों को देख रही थी लेकिन 'वाह' कहने वाला क्षण उस समय आया जब हमने एक कदम पीछे हटकर सारी सामग्री को देखा। हमे सहसा विश्वास नहीं हुआ कि हमने मिस्र में इतनी चीजों का पता लगा लिया है।'

वे मानती हैं कि ये तो शुरुआत भर है।

वे कहती हैं, 'जिसका हमने पता लगाया है वो तो सतह के करीब हैं। इसके अलावा हजारों ऐसे स्थान हो सकते हैं जो नील नदी की गाद में दब गए होंगे।'

डॉ. सारा पारकैक कहती हैं कि सबसे अद्भुत क्षण तानिस में आया। वे बताती हैं कि खुदाई में एक तीन हजार साल पुराना मकान निकला जिसका पता सैटेलाइट की तस्वीरों से मिला था और सब चकित रह गए जब मकान और तस्वीर में समानता मिली।