गुरुवार, 28 मार्च 2024
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Written By WD

हृदय व मस्तिष्क संबंधी दवाएँ

हृदय व मस्तिष्क संबंधी दवाएँ -
आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी में हम अभी तक अनेक प्रकार की दवाएँ तथा विभिन्न रोगों की दवाएँ बता चुके हैं।

इसी कड़ी के अंतर्गत हम मस्तिष्क संबंधी, रक्त संबंधी तथा मूत्र रोग संबंधी कुछ आयुर्वेदिक दवाओं की जानकारी दे रहे हैं।

हृदय व रक्त संबंधी औषधियाँ : हृदय की कमजोरी (धड़कन बढ़ना, अधिक पसीना आना, घबराहट, मुंह सूखना आदि में- अर्जुनारिष्ट, जवाहर मोहरा, हृदयार्णव रस, नागार्जुभ्रम रस, खमीरा, गावजवा, मुक्ता भस्म, मुक्ता पिष्टी।

उच्च रक्त चाप में (हाई ब्लड प्रेशर): सर्पगंधाघनवटी, रसोन वटी, सूतशेखर (स्वर्णयुक्त), मोती (मुक्तापिष्टी)।

पांडू (खून की कमी पर): पुनर्नवादि मंडूर, मंडूर भस्म, लोहासव, कांतिसार, नवायस लौह, ताप्यादि लौह।

कामला (पीलिया) में: लिवकेयर सीरप, आरोग्यवर्द्धिनी, अविपत्तिकर चूर्ण रोहितकारिष्ट, चन्द्रकला रस, प्रवाल पंचामृत।

शरीर की सूजन में: पुनर्नवारिष्ट, पुनर्नवामंडूर, शोथिर लौह, दुग्ध वटी (शोथ)।

मस्तिष्क संबंधी : सिर में भारीपन, आंखों से पानी बहना, कान में दर्द, नाक बहना, नाक में सूजन आदि में : अकसर सर्दी-बरसात में सुबह के समय तथा खाने के बाद होता है- लक्ष्मीविलास रस, अणुतौल।

पैत्तिक (सिर में दाह, नाक में खून आना आदि। गर्मी में दोपहर के समय सिर में दर्द होना) : स्वर्ण सूतशेखर रस, अणु तेल, रक्त स्तंभक, च्यवनप्राश, खमीरा संदल।

वातिक (सिर दर्द के साथ चक्कर, नींद न आना, आंखों में शुष्कता आदि) : गोदती भस्म, मृगश्रंग भस्म, अणुतौल।

अनन्तवात व सूर्यावर्त (आधीसीसी का सिर दर्द) : अणु तेल, षडबिन्दु तेल, स्वर्ण सूतशेखर रस, गोदती भस्म, शिरःशूलादि वज्र रस, त्रिफला चूर्ण।

स्मृति वर्द्धक व बुद्धि वर्द्धक औषधियां : ब्राह्मी रसायन, अश्वगंधारिष्ट, ब्राह्मी सारस्वत चूर्ण, घृत, बादाम तेल।

नींद न आना, चित्तभ्रम, घबराहट, बेचैनी आदि में : अश्वगंधारिष्ट ब्राह्मी रसायन, सारस्वतारिष्ट, ख्मीरा, गावजवां, जवाहर मोहरा, सूतशेखर रस व बादाम तेल।

अपस्मार (हिस्टीरिया, मूर्छा) आदि में : अश्वगंधारिष्ट, वात कुलांतक रस, ब्राह्मी रसायन, सारस्वतारिष्ट, ख्मीरा, जातिफलादि चूर्ण, वृहत्‌ वात चिंतामणि, स्मृतिगागर रस, स्नायु शक्तिदा।

उन्माद (पागलपन, वित्तभ्रम, अकारण भय) आदि में : सारस्वतारिष्ट, ब्राह्मी, घृत, सर्पगंधा, धन वटी, वातकुलांतक रस, स्मृतिगागर रस।

मूत्र रोगों में : मूत्र रोगों (गुर्दे व मूत्राशय आदि के रोगों) में- पुनर्नवामंडूर, स्वर्ण वसंत, मालती, शुद्ध शिलाजीत, गोक्षुरादि गूगल।

प्रमेह, पेशाब की जलन, गर्मी पेशाब के रास्ते की सूजन, पेशाब में मवाद,खून आदि में- स्वप्न प्रमेहारि, चन्दनासव, चन्दनाविवटी, गोक्षुरादि गूगल, उलासीराव, प्रवाल पिष्टी, स्वर्ण वंग, सुपारी पाक, त्रिवंग भस्म, देवदार्व्यारिष्ट आदि।

पथरी होने पर- हाजरूल यहूद भस्म, गोक्षुरादि गूगल, चन्द्रप्रभावटी, शिलाजित्वादि लौह।

अधोरक्त पित्त (पेशाब में खून जाना)- गोक्षुरादि चूर्ण, गुडुची सत्व, शुद्ध शिलाजीत, बोलबद्ध, रक्त स्तम्भक कामदुधा मौ. युक्त।

अन्य रोगों में : मेद रोग (शरीर का मोटापा कम करने के लिए) : वसंत कुसुमाकर रस, चन्द्रप्रभावटी, शुद्ध शिलाजीत।

गलगण्ड (थायरोइड ग्रंथि का बढ़ना, गर्दन पर ग्रंथि की सूजन दिखना) : कांचनार गूगल, खदिरादिष्ट।

नजला जुकाम में : चित्रक हरीतकी, व्योषादि चूर्ण, षडबिन्दु तेल, अणुतेल, शर्बत बनफशा, त्रिभुवनकीर्ति रस, लक्ष्मीविलास रस, तालीसादि चूर्ण।

लकवा पक्षघात (आधा शरीर रह जाना, शरीर शून्य हो जाना, कमजोरी) आदि में : महारायण तेल, दशमूलारिष्ट, वात गजांकाश रस, महामाष तेल, वृहत्‌ वात, चिंतामणि, रसराजरस, चतुर्मुख रस।

ग्रध्रसी (सायटिका, कूल्हे-जांघ व पैर का दर्द) : योगराज, गूगल, महारास्नादि काढ़ा, सैंधवादि तेल, एकांगवीर रस।