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Written By ND

ऐरोमाथैरेपी खुशबू से उपचार

ऐरोमाथैरेपी खुशबू से उपचार -
ऐरोमाथैरेपी जड़ी-बूटियों व पौधों की उपचार पद्धति है। इसमें रोगों के निदान के लिए पौधों के तनों, जड़ों, फूलों, पत्तों आदि से निकाले गए अर्क जिसे एसेंशियल ऑइल कहते हैं, का प्रयोग किया जाता है। सभी प्रकार की त्वचा और बालों में प्रयोग हो सकने वाले ये तेल बिलकुल चिपचिपे नहीं होते। एसेंशियल तेलों का प्रयोग व्यवसायों में भी होता है।

तीन सौ किस्म के एसेंशियल तेलों को त्वचा संबंधी या अन्य उत्पाद बनाने वाले उद्योगों में इस्तेमाल किया जाता है। घर पर ही छोटी-मोटी बीमारियों के निदान के लिए दस-पंद्रह प्रकार के तेल ही मुख्य होते हैं। प्रत्येक एसेंशियल ऑइल की खुशबू का अहसास ही इलाज होता है। प्रत्येक खुशबू से सीधे हमारा मस्तिष्क प्रभावित होता है। हर तेल में एक विशेष प्रकार की उपचारिक शक्ति होती है, जिसके द्वारा पूर्ण रूप से पवित्र व प्राकृतिक उपचार होता है।

मालिश और ऐरोमाथैरेपी में घनिष्ठ संबंध हैं। त्वचा द्वारा एसेंशियल ऑइल के शीघ्र अवशोषण हेतु मसाज बहुत जरूरी है। चूँकि एक्यूप्रेशर व रिफ्लेक्सीलॉजी का भी ऐरोमाथैरेपी से संबंध है, इसलिए मालिश करते समय बिंदुओं के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में अनेक ऐसी छोटी-मोटी बीमारियाँ होती हैं, जिनके समाधान के लिए ऐरोमाथैरेपी उपयोगी साबित हो सकती है।

पेट के ऊपर दर्द
पेट के ऊपरी भाग में दर्द की स्थिति में तीन बूँदें पिपरमेंट ऑइल, दो बूँदें क्लोव ऑइल तथा एक बूँद यूकेलिप्टस ऑइल के मिश्रण में एक चम्मच वेजीटेबल ऑइल मिलाकर मालिश करने से लाभ होता है। दर्द यदि पेट के निचले हिस्से में हो तो दो बूँद जिरेनियम ऑइल, दो बूँद रोजमेरी ऑइल व एक बूँद जिंजर ऑइल में एक चम्मच वेजीटेबल ऑइल डालकर दर्द वाले भाग पर हल्के हाथ की मालिश की जा सकती है।

दाँतों का पोषण
दाँतों की उचित सफाई न रखने व अच्छे पोषण के अभाव से कई बार दाँतों में खून लगता है। इस स्थिति में एक लीटर गुनगुने पानी में एक चम्मच ब्रैंडी, दो बूँद लेमन ऑइल, एक बूँद लेवेंडर ऑइल व एक बूँद यूकेलिप्टस ऑइल मिलाकर कुल्ला करने से फायदा होगा। इस मिश्रण को पिएँ नहीं।

नकसीर फूटना
गर्मियों में नकसीर फूटना या नाक से खून आना एक आम समस्या है। इसके लिए पीठ के बल सीधे लेट जाएँ और एक टिशु पेपर पर एक बूँद साइप्रस ऑइल, एक बूँद लेवेन्डर ऑइल, दो बूँद लेमन ऑइल व एक बूँद रोज ऑइल डालकर सूँघने से राहत मिलेगी। छोटे-मोटे साधारण घाव व फोड़े-फुंसियों के उपचार के लिए दो बूँद लैवेंडर ऑइल, एक बूँद कैमोमाइल ऑइल व एक बूँद टी ट्री ऑइल के मिश्रण को एक कप गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में दो बार घाव को धोएँ। घाव या फुंसी को धूल-मिट्टी से जरूर बचाएँ।

फिशर
गुदा का फिशर होने पर दो लीटर गुनगुने पानी में पाँच बूँदें लेवेंडर, दो बूँदें जिरोनियम व दो बूँदें लेमन ऑइल डालकर गुदा वाले भाग को धोएँ। उसके बाद ये सभी एसेंशियल ऑइल एलोवीरा जेल में मिलाकर प्रभावित भाग के चारों ओर मालिश करें। घर में भारी सामान उठाते समय, नृत्य या व्यायाम करते समय, हाथ या पैरों की मांसपेशियाँ खिंच जाने से हाथ या पैर में मोच आ सकती है। ऐसी स्थिति में किसी भी बेस ऑइल की तीस मि.ग्रा. मात्रा लेकर उसमें पाँच बूँद ब्लैक पेपर ऑइल, पंद्रह बूँद यूकेलिप्टस ऑइल, पाँच बूँद जिंजर ऑइल व नट मेग ऑइल मिलाकर दिन में तीन बार मालिश करें। साथ ही ठंडी मसाज भी फायदेमंद होगी।

रजोनिवृत्ति
रजोनिवृत्ति के समय महिलाओं के स्वभाव में परिवर्तन हो जाना एक आम समस्या है। वास्तव में रजोनिवृत्ति के समय रक्त नलिकाओं में अनियमितता आ जाने के कारण या तेज गर्मी की वजह से अक्सर महिलाएँ चिड़चिड़ी व बेचैन हो जाती हैं। 30 मिलीग्राम बेस ऑइल में छः बूँद लेमन ऑइल, दस बूँद क्लैरी सेज ऑइल, 9 बूँद जिरेनियम ऑइल व पाँच बूँदें इवनिंग प्राइमरोज ऑइल मिलाएँ व संपूर्ण शरीर की मालिश करें। नहाने के पानी में भी इस मिश्रण का प्रयोग करें। ऐसे वक्त में चाय-कॉफी व अन्य गर्म पेय पदार्थों का सेवन बंद कर देना चाहिए।

नींद न आना
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद न आना भी एक आम समस्या है। इसके कारण शारीरिक या मानसिक दोनों हो सकते हैं। शरीर की मालिश या नहाने के पानी में कुछ तेलों के प्रयोग से यह समस्या दूर हो सकती है। तीस मिलीग्राम बेस ऑइल में पाँच बूँद कैमोमाइल ऑइल, पाँच बूँद मेजोरम ऑइल, पंद्रह बूँद सैंडल वुड ऑइल तथा पाँच बूँद क्लैरीसेज ऑइल मिलाकर मालिश करने से आराम मिलता है। मालिश करते समय ध्यान दें कि मालिश पूरी पीठ, गले तथा कंधों आदि पर अच्छी तरह करें। नहाने के पानी में इस मिश्रण का प्रयोग करते समय जाँच लें कि नहाने के पानी का तापमान साधारण हो, न तो गर्म और न ही ठंडा।

चूँकि प्रत्येक व्यक्ति न केवल मानसिक अपितु शारीरिक क्षमता में भी दूसरों से भिन्न होता है इसलिए जरूरी है कि उपरोक्त किसी भी चिकित्सा पद्धति का प्रयोग करने से पूर्व अपने चिकित्सक की सलाह अवश्य लें।

तेल बहुत उपयोगी
घर में प्रयोग किए जा सकने वाले तेल विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल किए जा सकते हैं, जैसे मालिश में, नहाने के पानी में या भाप के पानी में आदि। शरीर से दूषित पदार्थों के निष्कासन में ये तेल बहुत उपयोगी होते हैं जैसे एंटीसेप्टिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगस, एंटीन्यूरालाजिक, एंटीडिपरेसेंट, रक्टी, रूमेटिक, डियोडराइजिंग आदि। एसेंशियल ऑइल को भाप विधि के द्वारा निकाला जाता है। जैसे लैवेंडर के लगभग एक सौ किलो पौधे से लगभग तीन किलो तेल प्राप्त किया जा सकता है। इन एसेंशियल तेलों का प्रयोग सदैव बेस ऑइल के साथ मिलाकर किया जाता है।

विभिन्न प्रकार के तेलों को बेस ऑइल के रूप में लिया जा सकता है जैसे वेजीटेबल ऑइल, एप्रीकाट ऑइल, मीठा बादाम तेल आदि। एसेंशियल ऑइल की मात्रा के अनुसार बेस ऑइल की मात्रा भी बदलती रहती है। जैसे एक बूँद एसेंशियल ऑइल में एक मि.ली. बेस ऑइल, चार से दस बूँद में दस मि.ली. बेस ऑइल और छः से पंद्रह बूँद में पंद्रह मि.ली. बेस ऑइल का प्रयोग किया जाता है।