शनिवार, 20 अप्रैल 2024
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Written By WD

वसंत पंचमी : सरस्वती के सिद्ध सरल मंत्र

विद्या प्राप्ति के अचूक सरस्वती मंत्र

Spells Astrology | वसंत पंचमी : सरस्वती के सिद्ध सरल मंत्र
* स्मरण शक्ति बढ़ाने के सरस्वती‍ मं‍त्र
* सरस्वती के सिद्ध सरल मंत्र
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अधिकांश छात्रों की स्मरण शक्ति यानी स्मृति कमजोर होती हैं। ऐसे विद्यार्थियों को मां सरस्वती की वसंत पंचमी के दिन पूजा करनी चाहिए। नियमित सरस्वती मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। उन्हें अधिकतर हल्के पीले रंग के या शुद्ध सफेद रंग के कपड़े पहनने चाहिए।

कैसे करें सरस्वती मंत्र का प्रयोग :

प्रात: स्नान इत्यादि से निवृत होने के बाद मंत्र जप आरंभ करें। अपने समक्ष मां सरस्वती का यंत्र, प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। अब चित्र, प्रतिमा या यंत्र के ऊपर श्वेत चंदन, श्वेत पुष्प व अक्षत (चावल) भेंट करें और धूप-दीप जलाकर देवी की पूजा करें और अपनी मनोकामना का मन में स्मरण करके स्फटिक की माला से किसी भी सरस्वती मंत्र की शांत मन से एक माला फेरें।

सरस्वती मंत्र 1 :
या कुंदेंदु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रावृता।
या वीणा वर दण्ड मंडित करा या श्वेत पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत्त शंकर: प्रभृतिर्भि देवै सदा वन्दिता।
सा माम पातु सरस्वती भगवती नि:शेष जाड्या पहा।

- अर्थात् जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह श्वेत वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान हैं, जिन्होंने श्वेत कमलों पर अपना आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली ऐसी मां सरस्वती आप हमारी रक्षा करें।


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सरस्वती मंत्र 2 :
या देवी सर्वभूतेषु बुद्धिरूपेणसंस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

सरस्वती मंत्र 3 :
घंटाशूलहलानि शंखमुसले चक्रं धनुः सायकं हस्ताब्जैर्दघतीं धनान्तविलसच्छीतांशु तुल्यप्रभाम्‌।
गौरीदेहसमुद्भवा त्रिनयनामांधारभूतां महापूर्वामंत्र सरस्वती मनुमजे शुम्भादि दैत्यार्दिनीम्‌॥

- अर्थात् अपने हस्त कमल में घंटा, त्रिशूल, हल, शंख, मूसल, चक्र, धनुष और बाण को धारण करने वाली, गोरी देह से उत्पन्न, त्रिनेत्रा, मेघास्थित चंद्रमा के समान कांति वाली, संसार की आधारभूता, शुंभादि दैत्य का नाश करने वाली महासरस्वती को हम नमस्कार करते हैं। मां सरस्वती जो प्रधानतः जगत की उत्पत्ति और ज्ञान का संचार करती है।


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सरस्वती मंत्र 4:
ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः।

सरस्वती मंत्र 5:
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

सरस्वती गायत्री मंत्र 6:
1. - ॐ सरस्वत्यै विद्महे, ब्रह्मपुत्रियै धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात।
2. - ॐ वाग देव्यै विद्महे काम राजाय धीमहि। तन्नो सरस्वती: प्रचोदयात।

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परीक्षा का भय मिटाने का मंत्र :
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वीणा पुस्तक धारिणीम् मम् भय निवारय निवारय अभयम् देहि देहि स्वाहा।

स्मरण शक्ति वृद्धि हेतु :
ॐ ऐं स्मृत्यै नमः।

पढ़ाई में विघ्नों का नाश करने के लिए मंत्र :

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं अंतरिक्ष सरस्वती परम रक्षिणी मम सर्व विघ्न बाधा निवारय निवारय स्वाहा।


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स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए मंत्र :
ऐं नमः भगवति वद वद वाग्देवि स्वाहा।

परीक्षा में उच्च सफलता के लिए :
1. - ॐ नमः श्रीं श्रीं अहं वद् वद् वाग्वादिनी भगवती सरस्वत्यै नमः स्वाहा विद्यां देहि मम ह्रीं सरस्वत्यै स्वाहा।
2. - जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी, कवि उर अजिर नचावहिं बानी।
मोरि सुधारिहिं सो सब भांती, जासु कृपा नहिं कृपा अघाती॥

विद्या आरंभ से पहले जपने का मंत्र :
3 - गुरु गृहन गए पढ़न रघुराई, अल्पकाल ‍विद्या सब आई॥

मां सरस्वती का सिद्ध मंत्र :
ॐ ऐं क्लीं सौः ह्रीं श्रीं ध्रीं वद वद वाग्-वादिनि सौः क्लीं ऐं श्रीसरस्वत्यै नमः।


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विद्या प्राप्ति हेतु मंत्र :
विद्या: समस्तास्तव देवि भेदा: स्त्रिय: समस्ता: सकला जगत्सु।
त्वयैकया पूरितमम्बयैतत् का ते स्तुति: स्तव्यपरा परोक्तिः॥

उपरोक्त मंत्र का जप हरे हकीक या स्फटिक माला से प्रतिदिन सुबह 108 बार करें, तदुपरांत एक माला जप निम्न मंत्र का करें।

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं महा सरस्वत्यै नमः