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Written By ND

रुतबेदार विकल्प है वकालत

रुतबेदार विकल्प है वकालत -
- दीपिका शर्मा
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आजकल आए दिन नई-नई मल्टी नेशनल कंपनियाँ स्थापित हो रही हैं। ऐसी जगहों पर वकीलों की आवश्यकता होती है और जितनी बड़ी कंपनी, आमदनी और रुतबा भी उतना ही बड़ा। आज जब हम ऐसी नौकरी बात करते हैं जिसमें मन मुताबिक काम करने की पूरी आजादी हो और उस नौकरी का एक रुतबा भी हो तो ऐसे में वकालत एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

पर क्या आपको नहीं लगता के इसके लिए कानून की जानकारी होने के अलावा एक लीगल प्रशिक्षण की भी आवश्यकता पड़ती है? एक अच्छा लॉ स्कूल ढूँढ कर डिग्री पा लेने से हर कोई वकील नहीं बन सकता। एक लॉ स्कूल में आपको कानून संबंधी तमाम पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी, विधि संबंधी गेस्ट फैक्लटी आपके साथ अपने अनुभव भी बताएंगी। परंतु इतना पर्याप्त नहीं है।

सबसे पहले आप स्वयं विश्लेषण करें कि आप अपने लिए एक लीगल कॅरिअर की ही क्यों चाहते हैं? इंजीनियरिंग, शिक्षा, चिकित्सा, एमबीए या अन्य कोई क्षेत्र क्यों नहीं? कहीं ऐसा तो नहीं कि फिल्में या नाटक देख-देखकर ही वकीलों की छवि से प्रभावित होकर आपने ये निर्णय लिया? कानून और विधि उन लोगों के लिए एक बेहतरीन क्षेत्र है जिन्हें पूरे आत्मविश्वास के साथ पढ़ना, लिखना और बोलना पसंद है।

आपको घंटों तक काम करना पड़ सकता है और कानूनी दांव पेचों पर सिर खपाना पड़ सकता है। परंतु इस काम के लिए आपको काफी सावधानी बरतनी होती है। आजकल आए दिन नई-नई मल्टी नेशनल कंपनियां स्थापित हो रही हैं। ऐसी जगहों पर वकीलों की आवश्यकता होती है और जितनी बड़ी कंपनी, आमदनी और रुतबा भी उतना ही बड़ा। भारत में लीगल शिक्षा बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा संचालित होती है।

लॉ के कोर्स के बाद या तो आप कोई कानूनी संस्था से जुड़ सकते हैं या स्वतंत्र रूप से अपनी प्रैक्टिस कर सकते हैं या फिर किसी उद्योग इकाई से जुड़कर उनके निजी वकील का कार्यभार संभाल सकते हैं।

एलएलबी का अर्थ अपराध से जुड़े मामलों का वकील बनना नहीं है। इस कोर्स के बाद आप बिजनेस लॉ, कॉर्पोरेट लॉ, इनवायरनमेंटल लॉ, पेटेंट लॉ, टैक्स लॉ, इंटरनेशनल लॉ, रियल एस्टेट लॉ, लेबर लॉ, साइबर लॉ आदि में भी मजबूत स्थिति बना सकते हैं।

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वर्तमान परिप्रेक्ष्य में स्थिति

2007-08 के आँकडों के मुताबिक लॉ स्कूलों से जो ग्रेजुएट हुए लोगों को विभिन्न संस्थाओं में 30 हजार से 1 लाख रुपए प्रति माह तक की आय पर नियुक्त किया गया। इस वर्ष के आँकड़े और अधिक बेहतर स्थिति दर्शाते हैं। एक फ्रैशर भी अपने आत्मविश्वास के बल पर ये डिग्री हासिल करके अच्छा वेतन पा सकता है।

इंडिया एक कॉमन लॉ देश है जिसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यहाँ की कानून प्रणाली कई अन्य देशों की प्रणाली से मेल खाती है। जिस वजह से भारत में लॉ की डिग्री प्राप्त कर आप विदेश में भी अच्छी नौकरी पा सकते हैं, सिंगापुर, मलेशिया जैसे स्थानों पर भारतीय वकीलों की मांग लगातार बढ़ रही है।

बस कानूनी दाँव-पेच में थोड़ा संभलकर चलने की जरूरत है। अगर आपको कानून की धाराएँ मुँह जुबानी याद हो जाएँ और तार्किक शक्ति में इजाफा कर आप एक अच्छे वकील बन जाएं तो 6 अंकों की सैलरी बहुत आसानी से पा सकते हैं।